Dil Afza Sale and Production Ban: अगर आप भी गर्म‍ियों के द‍िनों में 'रूह आफजा' पसंद करते हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. प‍िछले कई दशक से भारतीयों की पसंद बने हुए 'रूह आफजा' का क्रेज बुजुर्ग और युवाओं में आज भी है. पिछले द‍िनों मामला सामने आने के बाद अब द‍िल्‍ली हाई कोर्ट ने 'शरबत दिल आफजा' पेय पदार्थ के प्रोडक्‍शन और बिक्री पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा-यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक क‍ि 'रूह आफजा' तैयार करने वाले हमदर्द दवाखाना की याचिका का निपटारा नहीं हो जाता.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ट्रेडमार्क के उल्लंघन का आरोप
हमदर्द की तरफ से दायर याचिका में ट्रेडमार्क के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. न्यायूमर्ति विभू बाखरू और न्यायूमर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ‘रूह आफजा’ एक शताब्‍दी से भी ज्‍यादा समय से हमदर्द की पहचान बना हुआ है और इसने अच्छी साख कमाई है. पीठ ने कहा यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्रतिस्पर्धी इस चिह्न से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें.


सदर लैबोरेटरीज के ख‍िलाफ अपील दायर की
हमदर्द ने एकल न्यायाधीश की पीठ के फैसले के ख‍िलाफ सदर लैबोरेटरीज के ख‍िलाफ अपील दायर की थी. अदालत ने 21 दिसंबर के आदेश में कहा, 'किसी भी व्यक्ति को 'दिल आफजा' के लेबल का देखकर 'रूह आफजा' की याद आएगी क्योंकि 'आफजा' शब्द एक है और अंग्रेजी में अनुवाद करने पर 'रूह' और 'दिल' के अर्थ का संयोजन के तौर पर इस्तेमाल होता है.' अदालत ने कहा कि शरबत का रंग और बोतल भी एक जैसी ही है.


अदालत के इस फैसले के बाद 'दिल आफजा' की ब‍िक्री बाजार में नहीं होगी तो 'रूह आफजा' के शौकीन केवल 'रूह आफजा' ही खरीद पाएंगे. अदालत ने कहा कि याचिका के निपटारे तक ‘दिल आफजा’ चिह्न के तहत शरबत और पेय पदार्थों का निर्माण एवं बिक्री पर रोक रहेगी. (इनपुट PTI)


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं