Delhi Meerut Rapid Rail Timings: अभी तक गाजियाबाद से साहिबाबाद तक चल रही रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से अब मेरठ भी जुड़ गया है. साहिबाबाद तक तक चल रही रैपिड ट्रेन नमो भारत को अब मेरठ साउथ स्टेशन तक आगे बढ़ा दिया गया है. रविवार से दोनों बड़े शहरों के बीच में ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया. मजे की बात ये है मेरठ साउथ स्टेशन केवल रैपिड ट्रेन के लिए ही नहीं बल्कि भविष्य में शहर में शुरू होने वाली मेट्रो ट्रेन का भी हिस्सा बनेगा. इतना ही नहीं, इस स्टेशन पर यूपी में सबसे बड़ी पार्किंग फैसिलिटी भी बनाई गई है. 


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42 किमी हिस्से पर दौड़ने लगी ट्रेन


RRTS रेल परियोजना दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर मेरठ साउथ स्टेशन तक है. इसमें से गाजियाबाद से मेरठ साउथ स्टेशन तक 42 किमी का हिस्सा अब पब्लिक के लिए ओपन हो चुका है. अब केवल गाजियाबाद से दिल्ली का हिस्सा ही बचा है, जिस पर काम तेजी से चल रहा है. साहिबाबाद से लेकर मेरठ साउथ तक कुल 9 स्टेशन आते हैं. इस स्टेशन से ट्रेन सेवा शुरू होने से मोहिउद्दीनपुर, भूड़बराल, बहादुरपुर, अमीनगर, छज्जूपुर, खरखौदा, कादराबाद और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए आना- जाना आसान हो जाएगा. मेरठ साउथ से नमो भारत ट्रेन सेवा शुरू होने से यात्री लगभग 30 मिनट में साहिबाबाद पहुंच सकेंगे.


नमो भारत ट्रेनों के चलने का समय


नमो भारत ट्रेनें साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक पूरे सेक्शन पर सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक चलेंगी. इनमें साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक स्टैंडर्ड क्लास के लिए एक ओर का रियायती किराया 110 रुपये और गाजियाबाद से मेरठ साउथ तक स्टैंडर्ड क्लास के लिए 90 रुपये होगा. चूंकि मेरठ साउथ स्टेशन इस ट्रेन सर्विस का आखिरी स्टेशन होगा. इसलिए वहां पर भीड़ ज्यादा रहने की संभावना है. इसे देखते हुए वहां पर यूपी की सबसे बड़ी पार्किंग फैसिलिटी बनाई गई है. 


मेरठ में बनाई गई यूपी की सबसे बड़ी पार्किंग


रिपोर्ट के मुताबिक इस पार्किंग फैसिलिटी में स्टेशन के प्रवेश/निकास के दोनों ओर दो पार्किंग स्पेस शामिल हैं. यह कुल एरिया लगभग 13,000 वर्ग मीटर बनता है. जिसमें करीब 1,200 चार पहिया और दोपहिया वाहन खड़े किए जा सकते हैं. इसके अलावा वहां पर ऑटो-रिक्शाओं के लिए अलग से पार्किंग बनाई जा रही है. यह स्टेशन मेरठ की मेन रोड के पास बनाया गया है, जिससे लोग अपने वाहन से भी वहां पहुंच सकें. 


पूरा स्ट्रेच जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद


दिव्यांग लोगों को पार्किंग स्पेस और स्टेशन  में आने- जाने के लिए रैंप बनाए गए हैं. चूंकि मेरठ साउथ स्टेशन इस परियोजना का सबसे बड़ा स्टेशन रहेगा. इसलिए वहां पर 3 ट्रैक बिछाए गए हैं. इनमें से 2 नमो भारत और एक मेट्रो ट्रेन के लिए होगा. दिल्ली और मेरठ के बीच इस प्रोजेक्ट में कुल 25 स्टेशन बनाए जाएंगे. इनमें से 82 किमी का पूरा स्ट्रेच जून 2025 तक तैयार होने की उम्मीद है. इस रूट की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 68 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश हैं. 


यह परियोजना दिल्ली के सराये काले खां से होकर न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुराद नगर, मोदी नगर से होते हुए मेरठ दक्षिण तक जाएगी.