लोस चुनाव के बाद बड़ा कदम उठाने की तैयारी में सरकार, DPIIT सचिव ने जताई उम्मीद
देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और मतगणना 4 जून को होनी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2023 में भारत में एफडीआई 13 प्रतिशत घटकर 32.03 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया.
FDI Rules: भारत ने पिछले दिनों स्पेस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों में ढील दी है. इस बात की भी उम्मीद है कि नई सरकार के सत्ता में आने पर कुछ अन्य क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में राहत दी जा सकती है. उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत ने कई सेक्टर में एफडीआई नीति को उदार बनाया है. उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां दुनिया में सबसे उदार एफडीआई नीतियों में से एक हैं. वास्तव में यह कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में ज्यादा लचीला है.
स्पेस सेक्टर में FDI नियमों को आसान बनाया
सिंह ने सीआईआई के सालाना व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि हाल ही में स्पेस सेक्टर में एफडीआई मानदंडों को आसान बनाया गया था. इस बात की बहुत संभावना है कि नई सरकार के तहत, हम जो भी क्षेत्र बचे हैं और जहां कुछ उदारीकरण संभव है, वहां इसके लिए प्रयास कर सकते हैं. देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और मतगणना 4 जून को होनी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2023 में भारत में एफडीआई 13 प्रतिशत घटकर 32.03 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया. ऐसा मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, ऑटो और दवा क्षेत्रों में कम निवेश के कारण हुआ.
अब तक 1.13 लाख करोड़ का निवेश आया
उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) की सफलता के बारे में बात करते हुए सचिव ने कहा कि अब तक 1.13 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है और लाभार्थी कंपनियों ने नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री, 3.45 लाख करोड़ रुपये का निर्यात सृजित किया है, और साथ ही आठ लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी है. सिंह ने कहा कि कुछ लोग यह कहते हुए इस योजना की आलोचना करते हैं कि इससे घरेलू मूल्यवर्धन में इजाफा नहीं हुई है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि इसमें समय लगता है.
सर्वे अगस्त में शुरू होगा
कारोबारी सुगमता के बारे में उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक के बिजनेस रेडी (बी-रेडी) सूचकांक पर काम जारी है, जिसके लिए सर्वे अगस्त में शुरू होगा. सिंह ने कहा कि भारत को अपनी इलेक्ट्रिक-वाहन (EV) नीति पर कई ऑटोमोबाइल कंपनियों से अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद है. यह नीति टेस्ला जैसी वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए मार्च में जारी की गई थी.
उन्होंने कहा कि नीति में सरकार ने भारत में कोई भी वास्तविक निवेश किए बिना सिर्फ आधार स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताकर शुल्क में बदलाव करने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि हर कोई एक कंपनी (टेस्ला) के बारे में बात करता है, लेकिन हम इस नीति पर कई कंपनियों से प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं.