Electricity Bill Hike: बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को एक बार फिर झटका लगने वाला है. आपको आने वाले दिनों में अधिक बिजली बिल देना पड़ेगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में लगभग 76 मिलियन टन कोयले के आयात की योजना बनाई है. आयातित कोयले की ऊंची लागत की वजह से देश में बिजली 50 से 80 पैसे तक महंगी हो सकती है, यानी अब इस बढ़े हुए बिल का बोझ यूजर्स के जेब पर डाला जाएगा. जो राज्य सी-पोर्ट से जितने दूर हैं, वहां बिजली के दाम दाम उतने ही अधिक बढ़ सकते हैं. आइये जानते हैं विस्तार से.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बढ़ेगा आपके बिजली का बिल!


मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की चालू वित्त वर्ष में लगभग 76 मिलियन टन कोयले के आयात की योजना है. इस दौरान कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) बिजली स्टेशनों को आपूर्ति के लिए 15 मिलियन टन का आयात करेगी. वहीं, सबसे बड़ा बिजली उत्पादक एनटीपीसी लिमिटेड और दामोदर घाटी निगम (DVC) 23 मिलियन टन आयात करेंगे. इसके अलावा राज्य उत्पादन कंपनियों (जेनकोस) और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) ने वर्ष के दौरान 38 मिलियन टन कोयने के आयात की योजना बनाई है. इस हिसाब से सरकार और बिजली कंपनियों पर कोयले के आयात से आर्थिक बोझ बढ़ेगा, जिसके लिए ग्राहकों पर बिजली के बिल का बोझ बढ़ाया जा सकता है.


अगस्त-सितंबर में भारी पड़ सकते हैं बिजली बिल!


गौरतलब है की दूसरी कोविड -19 लहर के दौरान गिरावट के बाद बिजली की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है. आपको बता दें कि बीते 9 जून को बिजली की रिकॉर्ड मांग 211 गीगावॉट की हुई थी. हालांकि मॉनसून आने के बाद मांग में कमी आई है, और 20 जुलाई को बिजली की अधिकतम मांग 185.65 गीगावॉट थी. सूत्रों के औसर, जुलाई के अंत से कोल इंडिया का कोयला आना शुरू हो जाएगा, और फिर इसके चलते अगस्त -सितंबर में बिजली के बिल पर असर पड़ेगा. सूत्र का कहना है कि आपूर्ति की कमी 15 अक्टूबर तक बनी रह सकती है.