PF account: पीएफ काफी काम की स्कीम है. सरकार के जरिए पीएफ की स्कीम चलाई जा रही है. इस योजना का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के जरिए किया जाता है. 20 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक प्रतिष्ठान को इसके तहत कवर किया गया है और कुछ संगठन जो 20 से कम लोगों को रोजगार देते हैं, उन्हें भी कुछ बाधाओं और छूटों के अधीन कवर किया गया है. लोगों को पीएफ खाते के कई फायदे भी मिलते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीएफ स्कीम
कर्मचारी और नियोक्ता प्रत्येक कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% ईपीएफ में योगदान करते हैं. नियोक्ता के रिटायर होने के बाद उन्हें एकमुश्त राशि मिलती है जिसमें दोनों पर ब्याज के अलावा उनका और नियोक्ता दोनों का योगदान शामिल होता है. वर्तमान में ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.15% प्रति वर्ष है. वहीं लोगों को पीएफ के फायदों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि बिना फायदा जाने कुछ गलत कदम पीएफ को लेकर उठा लिया जाए, जिसका बाद में पछतावा भी हो.


पीएफ
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) एक गैर-संवैधानिक निकाय है जो कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के लिए धन बचाने के लिए प्रोत्साहित करता है. यह संगठन भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के जरिए शासित है. संगठन के जरिए दी जाने वाली योजनाएं भारतीय श्रमिकों और अंतर्राष्ट्रीय श्रमिकों (उन देशों से जिनके साथ ईपीएफओ ने द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं) को कवर करती हैं.


योजना के फायदे
ईपीएफ योजना लंबे समय तक पैसा बचाने में मदद करता है. इस स्कीम में एकमुश्त निवेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है. कर्मचारी के वेतन से मासिक आधार पर कटौती की जाती है और इससे लंबी अवधि में बड़ी रकम बचाने में मदद मिलती है. यह आपात स्थिति के दौरान किसी कर्मचारी को आर्थिक रूप से मदद कर सकता है. यह रिटायरमेंट के समय पैसे बचाने में मदद करता है और एक व्यक्ति को अच्छी जीवनशैली बनाए रखने में मदद करता है.


जरूर पढ़ें:                                                                             


सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बनते प्रॉपर्टी के मालिक, ये एक गलतफहमी अभी कर लें दूर NSE ने न‍िवेशकों को चेताया, यहां न‍िवेश करने वाले हो जाएंगे 'कंगाल'; आज ही न‍िकाल लें पैसा