EPFO Rule Change: नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर है. कर्मचारियों की इनहैंड सैलरी में बढ़ोतरी होने वाली है. हर महीने आपकी टेक होम सैलरी बढ़ने वाली है. ईपीएफओ यानी भविष्य निधि के नियम में बदलाव होने से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी बढ़ने वाली है. इस फैसले से उन कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा, जिनकी ज्वाइंन 1 सितंबर 2013 के बाद हुई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)  ने 1 सितंबर 2013 के बाद नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए समूह जीवन बीमा ( GIS) के नियम में बदलाव किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बदला नियम , बढ़ेगी सैलरी  


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( EPFO) ने 1 सितंबर 2013 के बाद जॉब में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह जीवन बीमा ( GIS) के तहत होने वाली कटौती को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है. ईपीएफओ ने इसे लेकर सर्कुलेशन जारी कर दिया है. इसमें उन सभी कर्मचारियों के वेतन में से ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम के तहत होने वाली कटौती को रोकने के लिए कहा गया है.  इस स्कीम के रुकने से उन कर्मचारियों को एकमुश्त रकम वापस की जाएगी, जो अब GIS का हिस्सा नहीं होंगे. अब तक जो भी रकम उनकी सैलरी से कटे हैं, उन्हें वापस किए जाएंगे. 



बढ़ेगी इन हैंड सैलरी  


इस फैसला का असर उन कर्मचारियों की सैलरी पर होगा, जिन्होंने 1 सितंबर 2013 के बाद सर्विस ज्वाइन किया है. इन कर्मचारियों को अब ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम यानी  GIS के तहते शामिल नहीं किया जाएगा. उनकी सैलरी से जीआईएस नहीं कटेगा तो उनकी इनहैंड सैलरी बढ़ सकती है.  सैलरी से ग्रुप इंश्योरेंस के तहत होने वाली कटौती नहीं होने पर इन कर्मचारियों के टेक होम सैलरी में बढ़ोतरी होगी.  इतना ही नहीं GIS खत्म होने पर उन कर्मचारियों की सैलरी में पहले ही की गई कोई भी कटौती उन्हें वापस कर दी जाएगी, जो अब इस स्कीम का हिस्सा नहीं होंगे.  


क्‍या है  जीआईएस स्‍कीम?


इस स्कीम से बाहर किए गए कर्मचारियों की टेक होम सैलरी तो बढ़ जाएगी, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी. बता दें कि हर महीने कर्मचारियों की सैलरी में एक छोटा सा प्रतिशत जीआईएस में भेजा जाता है, जो रिटायरमेंट के समय एक बड़ी एकमुश्त राशि बन जाती है.  ईपीएफओ की ग्रुप इंश्‍योरेंस स्‍कीम (GIS) की शुरुआत  1 जनवरी, 1982 को लागू हुई थी, जिसमें भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आने वाले कर्मचारियों और उनके आश्रितों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान दिया जाता है. इस स्कीम के तहत कर्मचारी, जिनका बीमा है, उसकी मृत्यु होने पर उसके परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.