FDI Equity Inflows: देश में चालू वित्त वर्ष में पहले छह महीने में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इक्विटी प्रवाह 24 प्रतिशत घटकर 20.48 अरब डॉलर रहा. कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन तथा औषधि क्षेत्र में कम प्रवाह के कारण एफडीआई प्रवाह कम हुआ है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों यानी अप्रैल-सितंबर के दौरान एफडीआई प्रवाह 26.91 अरब डॉलर था.


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इस साल जनवरी-मार्च के दौरान भी एफडीआई 40.55 प्रतिशत घटकर 9.28 अरब डॉलर रहा. पिछले साल अप्रैल-जून के दौरान यह 34 फीसदी घटकर 10.94 अरब डॉलर रहा था.


DPIIT ने जारी किया आंकड़ा


उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल, मई, जून, जुलाई और अगस्त में विदेशों से होने वाला निवेश घटा है. हालांकि, सितंबर में यह बढ़कर 4.08 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2.97 अरब डॉलर था.


15.5 प्रतिशत घटा FDI


कुल एफडीआई समीक्षाधीन अवधि के दौरान 15.5 प्रतिशत घटकर 32.9 अरब डॉलर रह गया, जो अप्रैल-जून, 2022 में 38.94 अरब डॉलर था. कुल एफडीआई में इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है.


इन देशों का घटा FDI प्रवाह


इस वित्त वर्ष के छह महीनों के दौरान सिंगापुर, मॉरीशस, अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में कमी आई है. अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान केमैन आइलैंड्स और साइप्रस से निवेश गिरकर क्रमशः 14.5 करोड़ डॉलर और 3.5 करोड़ डॉलर रह गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 58.2 करोड़ डॉलर और 76.4 करोड़ डॉलर था. हालांकि, नीदरलैंड, जापान और जर्मनी से निवेश बढ़ा है.


एरिया के हिसाब से बात करें तो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, व्यापार, सेवाओं, दूरसंचार, वाहन, फार्मा और रसायन में एफडीआई प्रवाह में कमी आई. हालांकि, निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों, निर्माण विकास और मेटालर्जिकल उद्योग में प्रवाह में वृद्धि दर्ज की गई.


किस राज्य का कैसा रहा हाल?


राज्य-वार देखें तो इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र में सबसे अधिक 7.95 अरब डॉलर का प्रवाह प्राप्त हुआ, लेकिन पिछले वर्ष की समान अवधि में आठ अरब डॉलर की तुलना में यह कम था.


अप्रैल-सितंबर में गिरा निवेश


इसी तरह, कर्नाटक में विदेशी निवेश अप्रैल-सितंबर 2023 में गिरकर 2.84 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 5.32 अरब डॉलर था. अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जहां इस तिमाही में एफडीआई में गिरावट आई, उनमें गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, तमिलनाडु और हरियाणा शामिल हैं.


एफडीआई में आई ग्रोथ


दूसरी ओर, इस अवधि के दौरान तेलंगाना, झारखंड और पश्चिम बंगाल में एफडीआई में वृद्धि दर्ज की गई. एक अधिकारी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर ब्याज दर बढ़ने और वैश्विक तनाव बढ़ने से 2022-23 में एफडीआई प्रभावित हुआ. वित्त वर्ष 2022-23 में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 22 प्रतिशत घटकर 46 अरब डॉलर रहा था.


इनपुट - भाषा एजेंसी