Festive Retail Sales: हर साल नवरात्र से शुरू होने वाले फेस्‍ट‍िव सीजन में बाजार में तेजी आती है. इसका असर ऑनलाइन मार्केट से लेकर खुदार बाजार तक में देखा जाता है. इस बार फेस्‍ट‍िव सीजन के ऑनलाइन बिक्री में शानदार तेजी देखने को मिली है. लॉजिस्टिक्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म क्लिकपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फेस्‍ट‍िव सीजन के दौरान ऑनलाइन बिक्री में 49 प्रत‍िशत की वृद्धि हुई है. यह मुख्य रूप से देश के छोटे शहरों (टियर-2 और टियर-3) से हुई खरीदारी के कारण हुई है.


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इन कैटेगरी की सेल्‍स में हुई बढ़ोतरी


टियर-2 और टियर-3 स‍िटी से आने वाले ग्राहकों ने बिक्री में 60 प्रत‍िशत से ज्‍यादा का योगदान दिया है. बीते साल फेस्‍टि‍व सीजन के दौरान ऑनलाइन सेल्‍स में 39 प्रतिशत की बिक्री दर्ज हुई थी. इस साल बिक्री में तेजी व्यक्तिगत खपत में बढ़ोतरी को दर्शाती है, जो देश की आर्थिक वृद्धि को गति दे रही है. रिपोर्ट ने साल 2023 और 2024 में सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के लिए छह कैटेगरी के तहत 61 मिलियन शिपमेंट के डेटा का एनाल‍िस‍िस क‍िया है. कैटेगरी में कॉस्मेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, फर्नीचर, होम डेकोर और आभूषण को शामिल किया गया.


अमेजन के 85 प्रतिशत खरीदार गैर-मेट्रो एर‍िया से
रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेट इंडियन फेस्टिवल में अमेजन के 85 प्रतिशत खरीदार गैर-मेट्रो एर‍िया से आते हैं, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डीटूसी) ब्रांड बड़े मार्केट की तुलना में मेट्रो मार्केट का बड़ा हिस्सा हासिल कर रहे हैं. यह वृद्धि अधिक भारतीयों को डिजिटल मार्केट से जोड़ने के प्रयासों से प्रेरित थी. इसमें बेहतर इंटरनेट पहुंच, लक्षित प्रचार और जेन जेड और महिला खरीदारों की भागीदारी में वृद्धि शामिल है. दीपावली से पहले सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें सबसे अधिक वृद्धि इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और होम डेकोर में हुई.


इलेक्ट्रॉनिक्स का औसत ऑर्डर मूल्य (एओवी) 38,000 रुपये था, जो पर्सनल टेक और स्मार्ट होम गैजेट्स द्वारा संचालित था. फैशन कैटेगरी में फेस्विट अपैरल ने एओवी को 4,000 रुपये तक बढ़ा दिया, जबकि होम डेकोर में लगभग 7,900 रुपये का एओवी बेहतर लंबे समय तक चलने वाली खरीदारी को दिखाता है. रिपोर्ट के अनुसार, कैशबैक और नो कॉस्ट ईएमआई विकल्प जैसे प्रचार प्रस्तावों ने भी बिक्री में वृद्धि को बढ़ावा दिया. जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों (टियर-2 और टियर-3) में त्योहारी सीजन के दौरान स्थिर मांग बनी रही, जिससे भारत भर में त्योहारी खपत में महानगरीय क्षेत्रों की तुलना में अधिक वृद्धि देखी गई. (IANS)