RBI: वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बैंकों से ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (DRT) में लंबित मामलों के कुशल प्रबंधन के लिए प्रभावी निगरानी और निरीक्षण तंत्र स्थापित करने के लिए कहा है. वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरणों (DRAT) के चेयरपर्सन और ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (DRT) के पीठासीन अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने डीआरटी में अपनाई जाने वाली कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी चर्चा की. 


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एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बेहतर परिणामों के लिए डीआरटी में कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया जा सकता है. बैठक के दौरान इस बात पर भी विचार-विमर्श किया गया कि बैंकों को डीआरटी में लंबित छोटे और उच्च मूल्य के मामलों के लिए नीति को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना चाहिए और सभी हितधारकों को लंबित मामलों को कम करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए.  


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बैंक यूपीआई का इस्तेमाल लोगों को सशक्त बनाने में करें : वित्त मंत्री


यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से कहा है कि वे लोगों को सशक्त बनाने के लिए यूपीआई में ट्रांसफॉर्मेटिव इनोवेशन और डिजिटल अवसर तलाश करें. भारत के यूपीआई की दुनिया के डिजिटल पेमेंट में हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि अच्छा बैंकिंग सिस्टम, अधिक आर्थिक वृद्धि, सोशल प्रोग्रेस और पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी हासिल करने में मदद कर सकता है.


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नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा के मुताबिक, अगस्त में यूपीआई से होने वाले लेनदेन सालाना आधार पर 41 प्रतिशत बढ़कर 14.96 अरब हो गए हैं. इस दौरान लेनदेन की वैल्यू सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 20.61 लाख करोड़ रुपये हो गई है. हर महीने यूपीआई से करीब 60 लाख नए यूजर्स जुड़ रहे हैं. इसकी वजह यूपीआई को क्रेडिट कार्ड से जोड़ना और इसे विदेशों में लॉन्च करना है.