पड़ोसी देश के हाथ लगा खाजाना! रोज निकाल रहा 1300 टन कच्चा तेल, कैसे हुआ यह संभव?
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पड़ोसी देश के हाथ लगा खाजाना! रोज निकाल रहा 1300 टन कच्चा तेल, कैसे हुआ यह संभव?

Afghanistan News in Hindi: अफगानिस्तान सरकार के खान एवं पेट्रोलियम मंत्रालय ने बताया है कि देश के उत्तरी सारी पुल प्रांत में प्रतिदिन 1300 टन कच्चा तेल निकाला जा रहा है.

पड़ोसी देश के हाथ लगा खाजाना! रोज निकाल रहा 1300 टन कच्चा तेल,  कैसे हुआ यह संभव?

Afghanistan News: गरीबी और युद्ध से त्रस्त देश अफगानिस्तान प्रतिदिन 1300 टन कच्चा तेल निकाल रहा है. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के खान एवं पेट्रोलियम मंत्रालय ने शनिवार को बताया है कि देश के उत्तरी सारी पुल प्रांत में प्रतिदिन 1300 टन कच्चा तेल निकाला जा रहा है.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, मंत्रालय के प्रवक्ता हुमायून अफगान ने बताया है कि प्रांत के कश्करी, अंगुत और आक दरिया तेल बेसिन के बाहरी इलाकों में 21 कुओं से कच्चा तेल निकालने की प्रक्रिया जारी है. जल्द ही इन क्षेत्रों में 25 और कुओं की खुदाई और मरम्मत की जाएगी. 

तीन हजार लोगों को मिला रोजगार

अफगान सरकार ने कहा है कि कच्चे तेल को निकालने के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 3000 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए. मंत्रालय के अनुसार, गैस संसाधनों का विकास करना उसका मकसद है. उत्तरी जौजजान प्रांत में गैस निकालने का अनुबंध एक विदेशी कंपनी के साथ किया गया है. 

अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद से, अफगान कार्यवाहक सरकार ने पूरे देश में खनिज, तेल और गैस निकालने के लिए घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ कई अनुबंध किए हैं. 13 सितंबर को ही अफगानिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के नेताओं ने अफगान क्षेत्र में तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) गैस पाइपलाइन के निर्माण के लिए औपचारिक रूप से कार्य आरंभ किया. 

आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद

इस प्रोजेक्ट को युद्ध से त्रस्त अफगानिस्तान के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का एक प्रमुख स्रोत माना जा रहा है. स्थानीय आर्थिक विशेषज्ञ अब्दुल कदूस खतीबी ने कहा, "अफगानिस्तान जैसे गरीब देश में ऐसी महत्वपूर्ण परियोजना शुरू करना उसकी अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए जरूरी है, क्योंकि इससे बहुत से लोगों को नौकरी मिल सकती है और अंततः आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है."

समाचार एजेंसी श‍िन्‍हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान है कि 2024 में 23.7 मिलियन अफगान लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत होगी, जो देश की आधी से ज्यादा आबादी है.  देश में 10 में से नौ लोग गरीबी में जी रहे हैं. 

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