Reserve Bank of India: प‍िछले नौ साल में आरबीआई (RBI) और सरकार की सख्‍ती के बाद बैंकों ने फंसे हुए कर्ज पर तेजी से काम क‍िया है. फंसे हुए कर्ज का बोझ कम करने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) के स्तर पर किए गए उपायों से बैंक पिछले नौ साल में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा की राशि की वसूली करने में सफल रहे हैं. वित्त मंत्रालय की तरफ से संसद में बताया गया क‍ि एनपीए (NPA) की वसूली और उन्हें कम करने के लिए उठाए गए कदमों के जरिये बैंकों ने पिछले नौ साल के दौरान 10,16,617 करोड़ रुपये की कुल वसूली की है.


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व‍ित्‍त राज्‍य मंत्री ने संसद में द‍िया जवाब


एनपीए (NPA) के रूप में वर्गीकृत और 1,000 करोड़ रुपये या इससे ज्‍यादा की बकाया राशि वाले उधारकर्ताओं को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (Scheduled Commercial Banks) द्वारा बकाया राशि 31 मार्च, 2023 तक 1,03,975 करोड़ रुपये थी. व‍ित्‍त राज्‍य मंत्री भागवत किसनराव कराड ने लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से गठित सीआरआईएलसी (CRILC) कर्जदाताओं के कर्जों के बारे में आंकड़ों को एकत्रित, भंडारण और विश्लेषण करता है.


सरकार और आरबीआई की तरफ से कॉर्पोरेट कंपनियों से संबंधित एनपीए सहित एनपीए को प्राप्‍त करने और कम करने के लिए तेजी से उपाय क‍िये गए. इससे बकाया रुपये की वसूली संभव हुई है. बैंकों के लिए साप्ताहिक आधार पर उसे आंकड़े देना जरूरी होता है. आरबीआई का आंकड़ा बताता है कि बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक फंसे कर्जों की मात्रा पिछले पांच साल में तेजी से घटी है. वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में बकाया एनपीए (NPA) 7,09,907 करोड़ रुपये था लेकिन मार्च, 2023 में यह घटकर 2,66,491 करोड़ रुपये रह गया.