Ration: केंद्र ने बुधवार को कहा कि वह एक जनवरी, 2023 से शुरू होने वाली एक वर्ष की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है. हाल ही में दुर्ग (छत्तीसगढ़) में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि उनकी सरकार की मुफ्त राशन योजना पीएमजीकेएवाई को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है. विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इस घोषणा को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. इस समय पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं.


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मुफ्त खाद्यान्न


एक सरकारी बयान में खाद्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ‘‘एक जनवरी 2023 से शुरू होने वाले एक वर्ष की अवधि के लिए पीएमजीकेएवाई के तहत अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) के लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है.’’ पिछले साल दिसंबर में केंद्र ने वर्ष 2020 में अतिरिक्त खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई पीएमजीकेएवाई को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के साथ मिलाने का फैसला किया.


इतना मिलता है अनाज


एनएफएसए के तहत, 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी को दो श्रेणियों - अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता वाले घरों के तहत कवर किया जा रहा है. जबकि एएवाई परिवार, जो गरीबों में सबसे गरीब हैं, प्रति परिवार प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न के हकदार हैं. प्राथमिकता वाले परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलोग्राम अनाज मिलता है.


गरीबों की मदद


मंत्रालय ने कहा कि गरीब लाभार्थियों के वित्तीय बोझ को दूर करने और एनएफएसए (वर्ष 2013) की राष्ट्रव्यापी एकरूपता और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मुफ्त खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है. इसमें आगे कहा गया है कि गरीबों के लिए खाद्यान्न की पहुंच, खरीद सामर्थ्य और उपलब्धता के संदर्भ में एनएफएसए के प्रावधानों को मजबूत करने के लिए निर्णय लिया गया था. मंत्रालय ने कहा कि यह कदम एनएफएसए (एक राष्ट्र-एक मूल्य-एक राशन) के प्रभावी और समान कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए था. (इनपुट: भाषा)