Adani Networth: पिछले दो हफ्ते से अडानी ग्रुप पर पहाड़ टूटा हुआ है. दो हफ्ते के अंदर ही अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी की दौलत आधी हो गई है. हालांकि ऐसा क्या हुआ कि दो हफ्ते में ही अडानी ग्रुप को इतना भारी नुकसान उठाना पड़ा है? दो हफ्ते पहले तक गौतम अडानी जहां दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स थे, वो आज दुनिया के 20 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट से भी बाहर हो चुके हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ये सब कैसे हुआ. दो हफ्ते पहले तक करीब 120 बिलियन डॉलर के साथ गौतम अडानी कारोबारी बिल गेट्स और वॉरेन बफेट की तुलना में भी काफी अमीर थे. हालांकि तभी एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई, जिसने अडानी की कंपनियों को हिलाकर रख दिया.


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हिंडनबर्ग रिपोर्ट
अडानी की कंपनियों को शॉर्ट सेल करने वाली एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी पर "कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी ठगी" करने का आरोप लगाया. इसको लेकर हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की. तब से अडानी की फर्मों का मूल्य $110 बिलियन से कम हो गया है और उनकी खुद की संपत्ति $61 बिलियन से कुछ अधिक रह गई है क्योंकि निवेशकों ने उनके शेयरों की भारी बिकवाली की है. रिपोर्ट के बाद से ही अडानी ग्रुप के कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है. कई कंपनियों के शेयरों में तो लगातार लोअर सर्किट भी लगा है.


अडानी ग्रुप
हालांकि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को "आधारहीन" और "दुर्भावनापूर्ण" बताया है. वहीं निवेशकों इस पर सवाल उठा रहे हैं, अडानी के व्यापारिक साझेदार और लोन देने वाले समूह संबंधों को स्पष्ट कर रहे हैं, वहीं भारत में विपक्षी सांसद अडानी के मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं और जांच की बात कर रहे हैं. यहां आपको जानने की आवश्यकता है कि गौतम अडानी एक 60 वर्षीय बिजनेस टाइकून हैं, जिन्होंने 30 साल से ज्यादा पहले अडानी ग्रुप की शुरुआत की थी. अडानी एक कॉलेज ड्रॉप-आउट हैं और उन्होंने एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य खड़ा रखा है. अडानी का व्यापार पोर्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी, खनन और मीडिया तक फैला हुआ है.


हेरफेर और धोखाधड़ी
अडानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे और पिछले सितंबर में थोड़े समय के लिए जेफ बेजोस को पीछे छोड़कर दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए थे. वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी के खिलाफ जारी की गई अपनी रिपोर्ट में अडानी और उनकी कंपनियों पर व्यापक धोखाधड़ी और "बेशर्म स्टॉक हेरफेर" का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की. उन्होंने आरोप लगाया कि ये हेरफेर और धोखाधड़ी दशकों से चली आ रही है. फर्म ने कहा कि उसने अडानी समूह की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन ली है, जिसका अर्थ है कि उनके मूल्य में गिरावट से उसे फायदा होगा.


हिंडनबर्ग
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी से 88 सवाल पूछे जो उनके समूह की वित्तीय स्थिति पर संदेह पैदा करते हैं. वहीं अडानी ग्रुप ने कहा है कि वह हिंडनबर्ग के दावों के जवाब में कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है. अडानी ने जवाब देते हुए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को "भारत पर एक सुनियोजित हमला" करार दिया और कहा कि निवेश फर्म केवल अपने स्वयं के वित्तीय लाभ में रुचि रखती है. लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट के जरिए उठाए गए सवालों का ठोस जवाब नहीं दिया है.


निवेशक क्या सोचते हैं?
वहीं निवेशक हिंडनबर्ग के दावों से घबराए हुए हैं और किसी व्यापार के गलत पक्ष में फंसना नहीं चाहते हैं. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से अडानी की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में लगभग 55% की गिरावट आई है. कंपनी अब परिणामस्वरूप नई फंडिंग जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है. अडानी एंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को भी रद्द कर दिया गया था. अडाणी ग्रुप के ज्यादातर शेयर में गिरावट देखने को मिली है. कई शेयरों में 5 फीसदी तो कुछ में 10 फीसदी और कुछ में 20 फीसदी का लोअर सर्किट लगते हुए भी देखा गया है.


गौतम अडानी
वहीं अब शेयरों में बिकवाली की लहर इस बात पर सवाल खड़ा कर रही है कि अडानी का कारोबार अपनी लागतों को कैसे पूरा करेगा? रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को कहा कि उथल-पुथल से समूह की पूंजी जुटाने की क्षमता कम हो सकती है. हालांकि गौतम अडानी का कहना है कि उनका कारोबार ठोस स्तर पर बना हुआ है और एक बार बाजार जब स्थिर हो जाएगा तब अधिकारी इसकी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि मजबूत कैश फ्लो और सुरक्षित संपत्ति के साथ हमारी बैलेंस शीट बहुत अच्छी है और हमारे पास अपने लोन को चुकाने का एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है.


बैंकों ने दे रखा है कर्ज
वहीं हो सकता है कि बिकवाली के परिणाम अडानी के लिए सीमित न हों. अडानी समूह की संपत्ति रखने वाले भारतीय बैंक भी प्रभावित हो सकते हैं यदि उन होल्डिंग्स के मूल्य में गिरावट जारी रहती है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र अपने नवीनतम आकलन के आधार पर "लचीला और स्थिर बना हुआ है" और स्थिति की निगरानी जारी रखी जा रही है.


सेबी
बाजार में हालिया उथल-पुथल पर अपने पहले बयान में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कहा कि उसने कारोबारी ग्रुप के शेयरों में असामान्य प्राइज मूवमेंट देखा था. सेबी ने कहा कि अगर सेबी के संज्ञान में कोई सूचना आती है तो उसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी. बाजार नियामक सेबी ने कहा कि वह "बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है."


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