अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने 20,000 करोड़ रुपये के शेयर (अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम, FPO) को वापस लेकर, इन्वेस्टर्स के पैसे को वापस करने का ऐलान किया है. कंपनी ने कहा कि मौजूदा बाजार की स्थिति में ये 'नैतिक रूप से सही' नहीं होगा, इसलिए एफपीओ को वापस लिया जा रहा है. कंपनी के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद इसे वापस लेने का फैसला किया.


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अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा, 'कंपनी के शेयर में पिछले हफ्ते काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, इसके बावजूद FPO मंगलवार को सफलतापूर्वक बंद हुआ. कंपनी और उसके कारोबार के प्रति आपका भरोसा हमारा विश्वास बढ़ाने वाला है जिसके लिए हम आपके आभारी हैं.'


अडानी ने क्यों लिया एफपीओ वापस लेने का फैसला?



उन्होंने निवेशकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि बुधवार को भी कंपनी के शेयर में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव देखने को मिला. उन्होंने कहा, 'असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए, कंपनी के निदेशक मंडल ये महसूस हुआ कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा.'


गौतम अडानी ने कहा, 'निवेशकों का हित सर्वोपरि है और इसलिए उन्हें किसी भी संभावित वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए, बोर्ड ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है.' अडानी समूह की फर्मों के शेयरों में हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद गिरावट आई थी. गिरावट का यह सिलसिला बुधवार को भी देखने को मिला है. जानकारी के मुताबिक, पिछले 5 कारोबारी सेशन में अडानी ग्रुप की कंपनियों को सात लाख करोड़ रुपये का घाटा लगा है.


अमीरों की सूची में 15वें पर खिसके
दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में एक सप्ताह पहले तीसरे नंबर पर मौजूद गौतम अडानी खिसककर 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं. वह अब सबसे अमीर एशियाई या भारतीय शख्स भी नहीं हैं. मुकेश अंबानी ने उन्हें पछाड़ दिया है. पिछले साल अप्रैल में अडानी ने अंबानी को पीछे छोड़ दिया था. लेकिन अब एक बार फिर मुकेश अंबानी ने उन्हें पीछे छोड़ते हुए 9वें नंबर पर पहुंच गए हैं.


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