फीकी हुई सोने-चांदी की चमक, गोल्ड 800 तो सिल्वर 2000 रुपया लुढ़का, क्या अभी और गिरेगा भाव?
Gold Silver Price: पिछले सत्र में चांदी 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. बुधवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 800 रुपये घटकर 77,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि इससे पहले इसका भाव 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
Today's Gold Price: कमजोर वैश्विक रुख के बीच आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग के कारण बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट आई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी. 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 800 रुपये टूटकर 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई.
बुधवार के पिछले कारोबारी सत्र में यह 79,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के प्रमुख जेरोम पावेल ने अब वर्ष 2025 के अंत तक ब्याज दर में केवल दो चौथाई प्रतिशत की कटौती का संकेत दिया है. पहले बाजार ने ब्याज दरों में चार कटौतियों का अनुमान लगाया था. बृहस्पतिवार को चांदी भी 2,000 रुपये गिरकर 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई.
एशियाई मार्केट में भी गिरा भाव
पिछले सत्र में चांदी 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. बुधवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 800 रुपये घटकर 77,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि इससे पहले इसका भाव 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. एशियाई कारोबारी सत्र में कॉमेक्स सोना वायदा 19.10 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,634.10 डॉलर प्रति औंस रह गया.
HDFC सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के बाद सोने में भारी गिरावट आई, क्योंकि फेडरल रिजर्व ने अगले साल के लिए पहले के अनुमान की तुलना में ब्याज दरों में कटौती की धीमी गति का संकेत दिया है.’’ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी 2.47 प्रतिशत गिरकर 29.98 डॉलर प्रति औंस पर बोली गई.
नए साल में कैसा रहेगा भाव?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2025 में गतिशील वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच सोने के लिए संभावनाओं और चुनौतियों का मिश्रण देखने को मिल सकता है. इसी के साथ पीली धातु की कीमतों में वृद्धि की संभावना भी देखी जा रही है.
केंद्रीय बैंक की कार्यवाहियां, भू-राजनीतिक तनावों और विकसित हो रही उपभोक्ता और निवेशक मांग जैसे कारक सोने के प्रदर्शन के लिए अहम माने जा रहे हैं. नए वर्ष के साथ सोने की कीमत स्थिर रह सकती है या कीमतों में मामूली वृद्धि भी दर्ज की जा सकती है.