नई दिल्ली: Gold Jewellery Resale: गोल्ड ज्वेलरी की खरीद बिक्री पर लगने वाले GST को लेकर Authority for Advance Ruling (AAR) का बड़ा फैसला आया है. इस फैसले से सेकेंड हैंड ज्वेलरी के रीसेल पर GST काफी कम हो जाएगा. इसका फायदा उन उपभोक्ताओं को होगा जो सेकेंड हैंड ज्वेलरी खरीदेंगे. उन्हें कम टैक्स देना पड़ेगा.


सेकेंड हैंड गोल्ड ज्वेलरी बेचने पर GST


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कर्नाटक AAR के इस फैसले के मुताबिक ज्वेलर्स को सेकेंड हैंड गोल्ड ज्वेलरी की रीसेल पर जो मुनाफा मिलेगा सिर्फ उसी पर GST लगेगा. बैंगलुरू की एक कंपनी Aadhya Gold Private Ltd ने AAR में एक एप्लीकेशन दी थी. जिसमें इस बात को लेकर सफाई मांगी गई थी कि क्या GST सिर्फ सेकेंड हैंड गोल्ड ज्वेलरी की खरीद और बिक्री के बीच कीमतों के अंतर पर लगेगा, अगर ज्वेलरी को बेचते समय इसके फॉर्म या प्रकृति को बदला नहीं गया है. 


VIDEO



ये भी पढ़ें- IOC, BPCL और HPCL के अलावा ये 7 कंपनियां भी बेचेंगी पेट्रोल-डीजल, सरकार ने दी मंजूरी


ये है AAR का फैसला 


AAR की कर्नाटक बेंच का कहना है कि चूंकि ज्वेलर ज्वेलरी को पिघलाकर बुलियन में नहीं बदल रहा है और फिर उससे नई ज्वेलरी नहीं बना रहा है, बल्कि उसकी सफाई और पॉलिशिंग करके बिना उसके फॉर्म को बदले उसे बेच रहा है, इसलिए ज्वेलरी की खरीद और बिक्री के बीच का जो भी मार्जिन होगा, सिर्फ उसी पर GST लगेगा. 


क्या कहते हैं एक्सपर्ट 


जानकारों का कहना है कि इस फैसले की वजह से सेकेंड हैंड ज्वेलरी के रिसेल पर GST काफी कम हो जाएगा. अभी खरीदारों से सोने के गहनों की कुल वैल्यू पर 3 परसेंट चार्ज इंडस्ट्री वसूलती है. लेकिन इस नियम के बाद ऐसा नहीं होगा. कुल कीमत की बजाय सिर्फ मुनाफे पर ही GST लगेगा. मतलब ये कि मान लीजिए किसी गोल्ड ज्वेलरी की वैल्यू 1 लाख रुपये है तो उस पर 3 परसेंट GST हुआ 3000 रुपये, अब अगर यही मुनाफे पर लगाया जाए. मान लीजिए ये ज्वेलरी 80 हजार रुपये में खरीदी गई और 1 लाख रुपये में बेची गई तो मुनाफा आया 20,000 रुपये. तो 20000 पर 3 परसेंट GST हुआ 600 रुपये. 


सेकेंड हैंड ज्वेलरी खरीदारों पर कम होगा टैक्स 


AMRG & Associates के सीनियर पार्टनर रजत मोहन का कहना है कि ज्वेलर्स के हाथों में टैक्स क्रेडिट की आवश्यकता से बचने के लिए ज्यादातर ज्वेलर्स आम आदमी/ अपंजीकृत डीलरों से पुरानी ज्वेलरी खरीदते हैं. मोहन ने कहा कि कर्नाटक AAR के केवल खरीद मूल्य और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर पर GST लगाने के फैसले से उपभोक्ताओं के लिए टैक्स को बोझ कम होगा जिसा असर इंडस्ट्री पर पड़ेगा. 


ये भी पढ़ें- गलती से किसी दूसरे के खाते में ट्रांसफर हो गये पैसे? तुरंत वापस पाएंगे रकम, जल्दी कर लें ये काम


LIVE TV