H1-B वीजा जारी करने पर रोक, Google CEO सुंदर पिचाई ने जताया ऐतराज
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एच1-बी वीजा सहित अन्य वीजा जारी करने पर दिसंबर तक रोक लगा दी है.
नई दिल्लीः डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दिसंबर तक एच1-बी वीजा सहित अन्य वीजा जारी करने पर दिसंबर तक रोक लगा दी है. ट्रंप के इस फैसले पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने ऐतराज जताते हुए कहा कि वो ऐसे वक्त में अप्रवासियों के साथ खड़े हैं. इसके साथ ही वो ज्यादातर अप्रवासियों को अपने यहां काम करने देना चाहते हैं.
पिचाई ने ट्वीट करते हुए कहा है कि इमिग्रेशन से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ हुआ है, जिससे टेक्नोलॉजी में यह देश ग्लोबल लीडर बन गया है. आज गूगल जहां पर है, उसमें भी इसका बड़ा हाथ है.
भारतीय पेशेवरों को बड़ा झटका
सरकार के इस कदम से खासतौर पर भारतीय आईटी पेशेवरों सहित कई अमेरिकी और भारतीय कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्हें 1 अक्टूबर से वित्तीय वर्ष 2021 के लिए H-1B वीजा जारी किया गया था.
इस संबंध में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘हमें संयुक्त राज्य अमेरिका के श्रम बाजार पर विदेशी कामगारों के प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए, विशेष रूप से तब जब मौजूदा असाधारण परिस्थितियों के चलते बेरोजगारी दर बढ़ी है और श्रम की मांग में कमी आई है’. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में समग्र बेरोजगारी दर में फरवरी और मई के बीच चार गुना उछाल दर्ज किया गया है. हमारे लोगों को अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में नौकरियों के लिए विदेशी नागरिकों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है. इसमें कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो अस्थायी काम के लिए अमेरिका आते हैं. ये लोग अपने पति-पत्नी या बच्चों को भी साथ लाते हैं, जो आगे चलकर अमेरिकियों के लिए प्रतिस्पर्धा निर्मित करते हैं.
सोमवार को H-1B सहित अन्य विदेशी वर्क-वीजा रद्द करने की घोषणा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘मई में कुछ J गैर-अप्रवासी वीजा आवेदकों से प्रतिस्पर्धा करने वाले युवा अमेरिकियों की बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है. विशेष रूप से 16-19 आयुवर्ग में यह 29.9 प्रतिशत और 20-24 आयुवर्ग के कर्मचारियों में यह 23.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है. H-1B, H-2B, J और L गैर-अप्रवासी वीजा प्रोग्राम के तहत आने वाले कर्मचारी मौजूदा कठिन परिस्थिति में अमेरिकियों के लिए बड़ा खतरा पेश कर रहे हैं’.
इन लोगों पर पड़ेगा असर
अमेरिकी सरकार के वीजा पर लगाई रोक के इस फैसले से उन भारतीय आईटी प्रोफेशनल पर असर पड़ेगा जिनको अमेरिकी और भारतीय कंपनियों ने पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले फाइनेंशियल ईयर 2021 के लिए वर्क या फिर अन्य वीजा जारी किए हैं. अब इन लोगों कम से कम इस साल के अंत तक इंतजार करना होगा. जो लोग अपना वीजा रिन्यू कराना चाहते हैं, उन पर भी इस फैसले का सीधा-सीधा असर पड़ेगा.
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क्या होता है एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा गैर-प्रवासी वीजा है. इस वीजा के आधार पर अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों के तकनीकी विशेषज्ञों को अपने यहां काम करने का मौका देती हैं, उन्हें तैनात करती हैं. नियुक्ति के बाद सरकार से इन लोगों के लिए एच-1बी वीजा मांगा जाता है. एच-1बी वीजा के आधार पर वीजाधारक अपने बच्चों और पति या पत्नी को अमेरिका ला सकता है. वो भी उतने ही साल अमेरिका में रह सकते हैं जितना वीजा की अवधि है. इस वीजा के बाद स्थाई नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है.
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