Byju's Crisis: भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने कहा है कि अनुशासन समिति एड टेक फर्म बायजू में कथित लेखांकन खामियों की जांच कर रही है.
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BYJU's: फाइनेंशियल और लीगल क्राइसिस समेत कई चुनौतियों का सामना कर रही एडटेक कंपनी बायजू के लिए मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. लेखा परीक्षकों की प्रमुख संस्था भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने सोमवार को कहा है कि अनुशासन समिति बायजू में कथित लेखांकन खामियों की जांच कर रही है.
उन्होंने उन मुद्दों के बारे में उल्लेख नहीं किया है, जिनपर विचार किया जा रहा है. अग्रवाल ने कहा कि अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए विभिन्न स्तर की व्यवस्था है. बायजू से संबंधित मामले को अनुशासन निदेशालय ने अनुशासन समिति को भेजा है और मामले की जांच चल रही है.
कंपनी ने किया है उल्लंघन?
हालांकि, रंजीत कुमार ने इस बारे में फिलहाल नहीं जानकारी दी है कि क्या निदेशालय ने प्रथम दृष्टया कोई उल्लंघन पाया है. एक सवाल के जवाब में अग्रवाल ने यह भी कहा कि निदेशालय के पास किसी मामले को बंद करने या समिति के विचार के लिए इसकी सिफारिश करने का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि बायजू का मामला समिति को भेज दिया गया है, जो इसकी जांच कर रही है. इस साल मार्च में अग्रवाल ने कहा था कि आईसीएआई ने बायजू के लेखा परीक्षकों की ओर से घोर लापरवाही पाई है और संबंधित लेखा परीक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए मामले को वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) को भेज दिया गया है. एफआरआरबी ने मामले को अनुशासन निदेशालय को भेज दिया था.
विवादों में घिरी कंपनी
बायजू वर्तमान में दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही है. यह मामला तब शुरू हुआ जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने 158.9 करोड़ रुपये की बकाया राशि की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का रुख किया. बायजू ने इस विवाद को हल करते हुए पूरी राशि का भुगतान कर दिया, जिसके बाद एनसीएलएटी ने दिवाला प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया.
हालांकि, मामला यहीं समाप्त नहीं हुआ. अमेरिकी कर्जदाताओं ने, ग्लास ट्रस्ट के माध्यम से, एनसीएलएटी के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी. इस अपील के चलते बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को फिर से बहाल कर दिया गया.