Adani Group: यह कंपनी कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन कंपनी को सर्विस देती है. वर्तमान में अडानी ग्रुप सात एयरपोर्ट और एक अहम MRO ऑपरेट करती है.
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Gautam Adani: पिछले कुछ महीने से लगातार विवादों में घिरे गौतम अडानी के हाथ एक बड़ी डील लगी है. अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने 400 करोड़ में एयर वर्क्स में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है. एयर वर्क्स भारत की प्रमुख प्राइवेट एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस कंपनी है.
यह कंपनी कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन कंपनी को सर्विस देती है. वर्तमान में अडानी ग्रुप सात एयरपोर्ट और एक अहम MRO ऑपरेट करती है. ऐसे में इस डील से विमानन क्षेत्र में अडानी की स्थिति मजबूत हुई है.
अडानी ग्रुप की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की एमआरओ कंपनी एयर वर्क्स में 85.8 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं." अडानी समूह की कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस अत्याधुनिक रक्षा उत्पादों के डिजाइन, विकास और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी है.
MRO सेक्टर में बढ़ेगी कंपनी की क्षमता
ग्रुप ने आगे कहा है कि इस डील से रक्षा एमआरओ क्षेत्र में उसकी क्षमताएं बढ़ेंगी और भारत की हवाई रक्षा पारिस्थितिकी में उसकी स्थिति मजबूत होगी. यह स्ट्रैटजिक डील अडानी ग्रुप के विस्तार लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और इससे विमानन सेवा क्षेत्र में समूह विस्तार कर सकेगा.
एयर वर्क्स की पूरे देश में व्यापक मौजूदगी है. देश के 35 शहरों में फैले ऑपरेशनल और 1300 से अधिक कर्मचारियों वाली एयर वर्क्स को फिक्स्ड-विंग और रोटरी-विंग दोनों तरह के विमानों की ‘सर्विसिंग’ में महारत हासिल है. एयर वर्क्स अपने भारतीय और वैश्विक ग्राहकों को विमानों के रखरखाव, सघन जांच, इंटीरियर के नवीनीकरण, पेंटिंग, पुनर्वितरण से जुड़ी जांच, वैमानिकी के साथ परिसंपत्ति प्रबंधन सेवाओं सहित व्यापक विमानन सेवाएं देती है.
दुनिया के 20 से अधिक देशों में मान्यता
यह कंपनी होसुर, मुंबई और कोच्चि में स्थित अपनी इकाइयों से छोटे आकार वाले एवं टर्बोप्रॉप विमानों के साथ रोटरी विमानों के रखरखाव का काम करती है. इसे दुनिया के 20 से अधिक देशों के नागर विमानन प्राधिकरणों से नियामकीय अप्रुवल मिला हुआ है. नागर विमानन क्षेत्र में अग्रणी एयर वर्क्स ने सैन्य एमआरओ गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण क्षमताएं विकसित की हैं. इसने भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख मंचों के लिए भी कई परियोजनाओं को अंजाम दिया है.
कंपनी के प्रमुख अधिकारियों ने क्या कहा?
अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अडानी ने कहा, "भारतीय विमानन उद्योग अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है और आने वाले वर्षों में 1,500 से अधिक विमानों को शामिल करने जा रहा है. यह वृद्धि देश के हर कोने को हवाई संपर्क से जोड़ने के सरकार के नजरिये से मेल खाती है जिससे विमानन सेवाओं में अभूतपूर्व अवसर पैदा होते हैं."
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष राजवंशी ने बयान में कहा, "यह ऐतिहासिक अधिग्रहण भारत की एमआरओ क्षमताएं बढ़ाने के कंपनी के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है. हमारा दृष्टिकोण वाणिज्यिक और रक्षा विमानन क्षेत्रों दोनों की जरूरतें पूरी करने के लिए एक व्यापक एमआरओ पेशकश देने का है."