नयी दिल्ली: सरकार ने उर्वरक सब्सिडी भी अब सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाने की पहल की घोषणा की है। पायलट आधार पर देश के कुछ जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी।


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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। सालाना उर्वरक सब्सिडी बिल लगभग 73000 करोड़ रुपये है। इस सब्सिडी का बड़ा हिस्सा सीधे मूल्य नियंत्रण वाले उर्वरकों के उत्पादकों को जाता है।


जेटली ने बजट भाषण में कहा, ‘हम रसोई गैस सब्सिडी को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना की शुरुआत पहले ही कर चुके हैं। इस सफल अनुभव के आधार पर हम देश के कुछ जिलों में प्रायोगिक आधार पर उर्वरक के लिए भी डीबीटी शुरू करने का प्रस्ताव करते हैं ताकि किसानों को इसके तहत गुणवत्तापरक सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।’ 


उल्लेखनीय है कि आर्थिक समीक्षा में भी उर्वरक क्षेत्र में आमूल चूल सुधारों का आह्वान करते हुए किसानों को उर्वरक सब्सिडी में डीबीटी का समर्थन किया गया था। संसदीय समिति की एक रिपट के अनुसार उर्वरक विभाग किसानों का ब्यौरा हासिल करने के लिए एक खाके पर काम कर रहा है। सरकार ने पिछले साल के बजट में, मौजूदा वित्त वर्ष के लिए उर्वरक सब्सिडी मद में लगभग 73,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।