नई दिल्ली: लोकसभा में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार ने पेट्रोल में 15 फीसदी मेथेनॉल मिलाने की पॉलिसी मंजूर कर ली है. इससे देश के इंपोर्ट ऑयल बिल में तो कमी आएगी ही साथ ही प्रदूषण में भी कमी होगी. मेथेनॉल से चलने वाले बस, ट्रक भी चलाए जाएंगे. गडकरी के बयान के चलते आज ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों और फर्टीलाइजर शेयरों में जोश दिखा. नितिन गडकरी ने कहा है कि 2030 तक भारत का ईंधन बिल कम हो जाएगा. मेथेनॉल को बढ़ावा देने से प्रदूषण रोका जा सकेगा. विदेशों में मेथेनॉल का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है.


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खर्च भी घटेगा
गडकरी ने कहा कि मेथनॉल कोयला से तैयार किया जाता है. पेट्रोल की वर्तमान कीमत लगभग 80 रुपए प्रति लीटर के मुकाबले इस पर मात्र 22 रुपए प्रति लीटर का खर्च आता है. चीन इसे 17 रुपए प्रति लीटर की लागत में तैयार कर रहा है. उन्होंने कहा, 'इससे खर्च घटेगा और प्रदूषण भी घटेगा. स्वीडन की ऑटोमोबाइल कंपनी वोल्वो यहां मेथनॉल से चलने वाले विशेष इंजन लेकर आई है. इसमें स्थानीय उपलब्ध मेथनॉल का इस्तेमाल होता है.


क्या हो सकता है नुकसान
विशेषज्ञों की मानें तो इस फैसले से गाड़ियों पर जाहिर तौर पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों से निकलने वाली गाड़ियां मौजूदा समय में मेथेनॉल के लिहाज से सक्षम नहीं हैं. इसलिए सरकार को अपनी इस योजना को अमलीजामा पहनाने से पहले कंपनियों को गाड़ियों को अपग्रेड करने का समय देना होगा. अगर ऐसा नहीं होता तो यह गाड़ियों के इंजन और उसके प्रदर्शन पर बुरा असर डाल सकता है.