नई दिल्ली: कुल्हड़ वाली चाय की चुस्कियों के दिन जल्द ही लौटने वाले हैं. सरकार एक बार फिर कुल्हड़ के फैशन को अब रेलवे स्टेशन से लेकर, बस स्टैंड, शॉपिंग मॉल और यहां तक कि एयरपोर्ट में भी लाने की तैयार कर रही है. आखिर क्या है सरकार की कुल्हड़ प्लानिंग, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. कुल्हड़ वाली चाय जल्द ही रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड और मॉल में मिलेंगी. देश के प्रमुख रेल स्टेशनों, बस डिपो, हवाईअड्डों और मॉल में आपको जल्दी ही कुल्हड़ वाली चाय पीने को मिल सकती है. मिट्टी से बने कुल्हड़ में चाय पीने का मजा अब धीरे धीरे बाजार में फैशन बनता जा रहा है. सरकार लोगों के इसी झुकाव को अब अवसर के रूप में देख रही है. MSME मंत्रालय जल्द ही देश मे एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन तक,बस स्टैंड से लेकर शॉपिंग मॉल तक कुल्हड़ में चाय को अनिवार्य करने की योजना के तहत कदम बढ़ा रही है.


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नितिन गडकरी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को इस संबंध में पत्र लिखा है. अभी वाराणसी और रायबरेली स्टेशनों पर ही पकी मिट्टी से बने कुल्हड़ में चाय दी जाती है. गडकरी रेल मंत्री को चिट्ठी लिख गुजारिश की है कि 100 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ को अनिवार्य किया जाए. सरकार कुल्हड़ के बहाने स्थानीय कुम्हारों को बाजार और रोजगार देने पर फोकस कर रही है. इसके साथ ही कागज और प्लास्टिक से बने गिलासों का इस्तेमाल बंद कर पर्यावरण के लिये भी सही कदम उठा रही है.



नितिन गडकरी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग की  मांग बढ़ने की स्थिति में व्यापक स्तर पर कुल्हड़ के उत्पादन के लिये आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने को भी कहा है. खाड़ी ग्रामोद्योग के जरिये सरकार ने पिछले साल कुम्हारों को कुल्हड़ बनाने के लिये 10,000 इलेक्ट्रिक चाक दिये. जबकि इस साल 25 हजार इलेक्ट्रिक चाक बांटने का लक्ष्य तय किया है.