`GST दर में किसी भी बदलाव पर चर्चा नहीं`, सिगरेट-कोल्ड ड्रिंक पर 35% टैक्स लगाने की खबरों पर सरकार ने कहा
GST Council Meeting: वर्तमान में जीएसटी एक चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्लैब हैं. सीबीआईसी ने कहा है कि जीएसटी परिषद ने अभी तक जीएसटी दर में किसी भी बदलाव पर विचार-विमर्श नहीं किया है.
GST On Cigarettes Tobacco: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने मंगलवार को कहा कि GST दरों को तर्कसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह ने कर दरों पर अंतिम निर्णय करने वाली जीएसटी परिषद को अभी तक अपनी सिफारिशें नहीं सौंपी हैं.
CBIC ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने अभी तक जीएसटी दर में किसी भी बदलाव पर चर्चा नहीं की है और मंत्रियों का समूह (जीओएम) सिर्फ 'सिफारिशें करने वाला' निकाय है.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों का नियमन करने वाले सीबीआईसी का यह स्पष्टीकरण कुछ मीडिया रिपोर्ट के बीच आया है. इन खबरों में कहा गया था कि मंत्री समूह ने कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट, तंबाकू और उससे बने उत्पादों जैसे हानिकारक उत्पादों पर कर की दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है.
वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब
वर्तमान में जीएसटी एक चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्लैब हैं. सीबीआईसी ने कहा, "जीएसटी परिषद ने अभी तक जीएसटी दर में किसी भी बदलाव पर विचार-विमर्श नहीं किया है. परिषद को जीओएम की सिफारिशें भी नहीं मिली हैं.
दरअसल, जीओएम को अभी अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देना है और परिषद के समक्ष रखना है. परिषद ही जीओएम की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लेगी." इसने कहा कि जीएसटी परिषद को जीएसटी दरों में बदलाव करने समेत उनके बारे में अंतिम निर्णय लेने का भी अधिकार है.
वित्त मंत्री ने अटकलों से दी बचने की नसीहत
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दर के संबंध में 'अटकलों से बचने' की नसीहत देते हुए कहा कि जीओएम में शामिल विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री जीएसटी दर में बदलाव की दिशा में काम कर रहे हैं. सीतारमण ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, "इसके बाद सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों की भागीदारी वाली जीएसटी परिषद की अगली बैठक में सिफारिशों पर विचार किया जाएगा."
जीएसटी परिषद ने जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने के बारे में विचार करने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया था. इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक एवं केरल के मंत्री शामिल हैं और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उसके प्रमुख हैं.
(इनपुट- भाषा)