Challenges in Steel Industry: सरकार ने इस्पात उद्योग की चुनौतियों को दूर करने और 2030 तक 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य पाने के लिए दो परामर्श समितियों का गठन किया है. इस्पात मंत्रालय की तरफ से बताया गया क‍ि एकीकृत इस्पात संयंत्रों और द्वितीयक इस्पात क्षेत्र के लिए जो दो भिन्न समितियां बनाई गई हैं उनके सदस्य इस्पात उद्योग से जुड़े लोग, संगठन, अकामिक क्षेत्र के लोग और सेवानिवृत्त वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं.


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एक सम‍िति एकीकृत इस्पात संयंत्रों के लिए
मंत्रालय की तरफ से जारी पत्र में कहा गया क‍ि इस्पात मंत्रालय ने दो परामर्श समितियां बनाई हैं, जिनमें से एक एकीकृत इस्पात संयंत्रों के लिए है और दूसरी द्वितीयक क्षेत्र के लिए है. समितियां क्षेत्र के समक्ष आ रही समस्याओं को संज्ञान में लेती हैं और इन्हें दूर करने तथा 2030-31 तक 30 करोड़ टन की इस्पात उत्पादन क्षमता का लक्ष्य हासिल करने के तरीकों पर विचार-विमर्श करती हैं.


अंतिम निर्णय के ल‍िए व‍िचार व‍िमर्श चल रहा
मंत्रालय के दस्‍तावेज में कहा गया कि समितियां गठन के बाद से कई मीट‍िंग हो चुकी हैं. इसमें आगे बताया गया कि मंत्रालय सभी संबंधित पक्षकारों के संपर्क में है और क्षेत्र के लिए 'विजन 2047' (Vision 2047) की रूपरेखा विकसित करने और इस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए उनके साथ विचार विमर्श कर रहा है.


मंत्रालय ने कहा, 'इस बाबत, 25 अगस्त 2022 को हितधारकों की बैठक हुई थी जिसमें उद्योग के लोगों और संगठनों ने हिस्सा लिया. ‘विजन 2047’ के लिए सभी हितधारकों की राय एवं सुझाव लिए गए.'