नई दिल्ली: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की मासिक रिटर्न भरने के लिये सरल फॉर्म जारी करने की एक अप्रैल से शुरू होने वाली पायलट परियोजना को फिलहाल टाल दिया गया है. अब इस तरह के नये फॉर्म तभी उपलब्ध कराये जायेंगे जब उन्हें अधिसूचित कर दिया जायेगा और उनका सॉफ्टवेयर तैयार हो जायेगा. जीएसटी परिषद ने पिछले साल जुलाई में यह तय किया था कि जीएसटी रिटर्न भरने के लिये सरल फॉर्म- सहज और सुगम फॉर्म- को पायलट आधार पर एक अप्रैल 2019 से जारी कर दिया जायेगा जबकि ऐसे नये फॉर्म के तहत देशभर में रिटर्न भरने का काम जुलाई से शुरू कर दिया जायेगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने पिछले साल जुलाई में जीएसटी के सरल नये रिटर्न फॉर्म का मसौदा जारी किया था और उस पर सभी संबद्ध पक्षों से जरूरी टिप्पणी मांगी थी. इस नये रिटर्न फाइलिंग के प्रारूप के मुताबिक ऐसे करदाता जिनकी किसी एक वित्त वर्ष की किसी तिमाही में कोई खरीद नहीं है, न ही कोई आउटपुट कर देनदारी है और न ही कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट बनता है, उसे उस पूरी तिमाही के लिये एक ‘शून्य’ रिर्टन ही दाखिल करनी है. इसके साथ ही तिमाही रिटर्न भरने के लिये एसएमएस के जरिये भी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी.


हर कारोबारी जीएसटी से परेशान है और ये टी-शर्ट बेच रहे हैं, वाह! क्‍या चौकीदार है: ओवैसी


जीएसटी रिटर्न भरने के नये सरलीकृत फॉर्म से जीएसटीआर-1 भरने की अंतिम बिक्री रिटर्न भरने की मौजूदा आवश्यकता बदल जायेगी. हालांकि योजना के मुताबिक जीएसटीआर- 3बी रिटर्न भरना अभी कुछ और समय तक जारी रहेगा. 


अधिकारी ने कहा, ‘‘नई रिटर्न फाइल करने के लिये पायलट योजना को फिलहाल टाल दिया गया है. इसकी नई तिथि पर जल्द फैसला लिया जायेगा. पहले नये सरल फॉर्म को अधिसूचित किया जायेगा उसके बाद पायलट योजना शुरू की जायेगी. नये फॉर्म के लिये कंप्यूटर प्रणाली की व्यवस्था की जा रही है.’’  उन्होंने बताया कि छोटे करदाता जिनका पिछले वित्त वर्ष में पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार रहा है, वे स्व-घोषणा के आधार पर मासिक कर का भुगतान कर सकते हैं और रिटर्न प्रत्येक तिमाही में भर सकते हैं.