नई दिल्ली: एक फरवरी को मोदी सरकार की तरफ से अंतिरम बजट पेश किया जाएगा. हर साल परंपरा के मुताबिक बजट (General Budget 2019) पेश करने से कुछ दिन पहले 'हलवा सेरेमनी' का आयोजन किया जाता है. इस कार्यक्रम का मतलब होता है कि बजट के लिए जो मसौदा तैयार किया गया है उसकी प्रिंटिंग अब शुरू हो गई है. इस कार्यक्रम में वित्तमंत्री अरुण जेटली नहीं दिखे. उनकी गैर मौजूदगी में वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला, वित्तीय मामलों के आर्थिक सचिव सुभाष गर्ग और सड़क परिवहन राज्यमंत्री राधाकृष्ण हलवा खाते दिखे.


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इस कार्यक्रम के बाद बजट (Budget 2019) से संबंधित जितने भी अधिकारी और मंत्री हैं वे वित्त मंत्रालय के ऑफिस में बंद हो जाते हैं. बजट पेश होने तक किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती है. यहां तक कि वे अपने घरवालों से भी संपर्क नहीं कर सकते हैं. इसके तहत नॉर्थ ब्लॉक में बने प्रिंटिंग प्रेस में अगले कुछ दिनों तक वित्त मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी रहते हैं. इनमें से कोई भी फोन पर भी बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं कर सकता है. केवल एक लैंडलाइन लगी होती है जिसपर इनकमिंग कॉल की सुविधा होती है.



इन लोगों के लिए डॉक्टरों की एक पूरी टीम हमेशा तैनात होती है. इंटरनेट कनेक्शन काट दिया जाता है और मोबाइल नेटवर्क को जैमर की मदद से जाम कर दिया जाता है. बाहर से किसी को जाने की इजाजत नहीं है. ऐसे में अगर किसी इमरजेंसी में अगर बाहर से किसी को अंदर जाना हो तो सुरक्षाबलों की मौजूदगी में उसे अंदर ले जाया जाता है. इसके साथ ही जहां प्रिंटिंग का काम होता है वहां भी केवल कुछ ही अधिकारियों को जाने की इजाजत होती है.


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उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में मोदी सरकार मीडियम क्लास को राहत दे सकती है. आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है. वर्तमान में यह छूट 2.5 लाख है जिसे बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है. इसके अलावा टैक्स की दरों में भी बदलाव किया जा सकता है.