हवाला कारोबारी नरेश जैन गिरफ्तार, चलाता है 500 से अधिक फर्जी कंपनियां
नरेश जैन ने हवाला कारोबार चलाने के लिए फर्जी नाम पतों पर जन्म प्रमाण पत्र, वोटर आई कार्ड, पैन कार्ड, एजुकेशन सर्टिफिकेट और लेटर हेड बना रखे थे. पूछताछ में पता चला कि ये सभी कंपनियां दिल्ली के विकास पुरी, पीतमपुरा, जनकपुरी और रोहिणी में हैं.
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस EOW (Economic Offence Wing) ने इंटरनेशनल हवाला किंग नरेश जैन को गिरफ्तार किया है. EOW ने नरेश जैन का ED की शिकायत पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जोकि पहले से ही ED की गिरफ्त में है. दिल्ली पुलिस ने ये मामला साल 2018 में दर्ज किया था. नरेश जैन को चार दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है.
नरेश जैन इंटरनेशल हवाला रैकेट चलाता है और सबसे पहले दुबई में साल 2007 में गिरफ्तार हुआ था. EOW की जांच के मुताबिक नरेश जैन ने भारत में करीब 450 और विदेशों में 100 से ज्यादा फर्जी कंपनियां खोल रखी थी. नरेश जैन ने हवाला कारोबार चलाने के लिए फर्जी नाम पतों पर जन्म प्रमाण पत्र, वोटर आई कार्ड, पैन कार्ड, एजुकेशन सर्टिफिकेट और लेटर हेड बना रखे थे. इन्हीं फर्जी कंपनियों के जरिए इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के कम दाम या ज्यादा दामों के फर्जी बिल बना कर पैसों को घुमाता रहता था. इन सभी फर्जी कंपनियों से घुमाए गए पैसे आखिर में टूर एंड ट्रैवल काराबोर के नाम से बनाई गई फर्जी कंपनी में जमा होते थे. इसके बाद ये पैस फर्जी विदेशी कंपनियों के कर्मचारियों की यात्रा के नाम से दिखा कर इस्तेमाल किए जाते थे.
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दिल्ली के इन इलाकों में खुली थीं नरेश की फर्जी कंपनियां
पूछताछ में पता चला कि ये सभी कंपनियां दिल्ली के विकास पुरी, पीतमपुरा, जनकपुरी और रोहिणी में हैं. नरेश जैन हवाला का ये नेटवर्क इम्पोर्ट/एक्सपोर्ट का काम करने वाले व्यापारियों से मोटे कमिशन लेकर चलाता था. इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का काम करने वाले ये व्यापारी विदेश से इम्पोर्ट का फर्जी बिल मंगाते और फिर भारत में कम दाम के हिसाब से फर्जी कंपनियों से खोले बैंक खातों के जरिये ड्यूटी सरकार को देते थे. ये सभी शैल कंपनियां नरेश जैन चलाता था.
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जैन के खिलाफ दुबई और रोम की जांच एजेंसियां जारी कर चुकीं रेड कॉर्नर नोटिस
नरेश जैन इतना शातिर है कि सालों से विदेशों और देश में हवाला का कारोबार चला रहा है, पहली बार नरेश को दुबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन वहां से जमानत मिलने के बाद भाग कर भारत आ गया. इसके बाद साल 2009 में नरेश जैन को नारकोटिक्स कंट्रोंल ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था. NCB ने नरेश जैन पर COFEPOSA (Conservation of Foreign Exchange and Prevention of Smuggling Activities) के तहत गिरफ्तार किया था. ED के अलावा नरेश जैन विदेशी जांच एजेंसियों के राडार पर भी है. बिट्रेन की जांच एजेंसी SOCA भी मनी लॉड्रिंग मामले के तहत नरेश जैन की जांच कर रही है. इसके अलावा दुबई और रोम की जांच एजेंसियों ने भी नरेश जैन के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है.