ICAO New Rules: अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान यात्रियों को लाभ पहुंचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) ने एयरलाइंस कंपनी द्वारा दिए जाने  वाले मुआवजे में वृद्धि की घोषणा की है. इसमें फ्लाइट में देरी, सफर के दौरान दुर्घटना से चोट या मौत से संबंधित मुआवजे शामिल हैं. 


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आईसीएओ के इस बदलाव से भारत समेत दुनिया भर के 140 देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को फायदा मिलेगा. आईसीएओ ने कहा है कि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत दिये जाने वाले मुआवजे को लेकर हुए बदलाव 28 दिसंबर से लागू होंगे.


1.4 करोड़ से बढ़ाकर किया गया 1.7 करोड़


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यात्री की मौत होने की स्थिति में मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 1,51,880 एसडीआर कर दिया गया है. भारतीय रुपये में कन्वर्ट करने पर यह राशि 1.7 करोड़ रुपये है. वहीं, वर्तमान में मुआवजा राशि 1.4 करोड़ रुपये है.


औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन के लिए कुछ नियमों के एकीकरण के लिए हुए कन्वेंशन (MC99) को मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के रूप में जाना जाता है. यह कॉन्वेंशन अंतर्राष्ट्रीय हवाई सफर के लिए एक व्यापक रूपरेखा स्थापित करता है. साथ ही यात्रियों को चोट, मृत्यु, देरी, सामान और कार्गो से जुड़े मामलों में एयरलाइंस की जिम्मेदारी तय करता है. 


हर पांच साल में किया जाता है बदलाव


मुआवजे राशि में यह बदलाव कन्वेंशन के बिल्ट-इन रिव्यू मैकेनिज्म के तहत किया गया है. कॉन्वेंशन के मुताबिक, हर पांच साल में महंगाई के मद्देनजर इसमें बदलाव किया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ने सभी देशों से दिसंबर के अंत तक कानूनी प्रावधान करने को कहा है.


मॉन्ट्रियल कॉन्वेंशन के तहत तय की गई राशि केवल एयरलाइंस कंपनी द्वारा दी जाने वाली मुआवजे की अपर लिमिट को लेकर है. यानी जरूरी नहीं है कि यात्री की मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनों को बिल्कुल यही रकम मिले. 


उदाहरण के लिए साल साल 2020 में एयर इंडिया एक्सप्रेस IX-1344 जो दुबई से कालीकट आ रही थी. इसमें 21 लोगों की मौत हो गई थी. यह फ्लाइट भी मॉन्ट्रियल कॉन्वेंशन के प्रावधानों के तहत आता है. लेकिन एयरलाइन कंपनी ने परिजनों को 12 साल से अधिक उम्र के वयस्कों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और 12 साल से कम उम्र के बच्चों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये ही मुआवजा दिया.