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नई दिल्ली: आयकर विभाग ने अस्थायी खाता संख्या (पैन) आवेदन में आवेदक के पिता-माता के अलग होने की स्थिति में पिता का नाम देने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. आयकर विभाग ने एक अधिसूचना के जरिए आयकर नियमों में संशोधन किया है.
 
आयकर विभाग ने कहा है कि अब आवेदन फॉर्म में ऐसा विकल्प होगा कि माता-पिता के अलग होने की स्थिति में आवेदक मां का नाम दे सकता है. अभी पैन आवेदनों में पिता का नाम देना अनिवार्य है. 
 
पांच दिसंबर से लागू होगा नया नियम 
नया नियम पांच दिसंबर से लागू होगा. नांगिया एडवाइजर्स एलएलपी के भागीदार सूरज नांगिया ने कहा कि इस अधिसूचना के जरिये कर विभाग ने उन लोगों की चिंता को दूर कर दिया है जिनमें ‘माता-पिता’ में अकेले मां का ही नाम है. ऐसे में वह व्यक्ति पैन कार्ड पर सिर्फ मां का ही नाम चाहता है, अलग हो चुके पिता का नहीं. 
 
इस अधिसूचना के जरिए एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन करने वाली इकाइयों के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन करने को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए आवेदन आकलन वर्ष के लिए 31 मई या उससे पहले करना होगा. 
 
नांगिया ने कहा कि अब निवासी इकाइयों के लिए उस स्थिति में भी पैन लेना होगा जबकि कुल बिक्री-कारोबार-सकल प्राप्तियां एक वित्त वर्ष में पांच लाख रुपये से अधिक नहीं हों.  उन्होंने कहा कि इससे आयकर विभाग को वित्तीय लेनदेन पर निगाह रखने, अपने कर आधार को व्यापक करने और कर अपवंचना रोकने में मदद मिलेगी. 


(इनपुट - भाषा)