GST: पान मसाला और तंबाकू से शरीर को काफी नुकसान पहुंचता है लेकिन इसके बावजूद देश में बहुत से लोग पान मसाला और तंबाकू का सेवन करते हैं. इनका सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक है. वहीं कई जगहों पर तो पान मसाला और तंबाकू पर प्रतिबंध भी लगा रखा है. वहीं पान मसाला और तंबाकू पर सरकार की ओर से टैक्स भी वसूल किया जाता है, जो कि जीएसटी के रूप में सरकार के पास आता है. इस बीच पान मसाला और तंबाकू को लेकर अहम अपडेट सामने आया है. वित्त मंत्रालय की ओर से एक जानकारी दी गई है, जो कि इन उत्पादों पर लगाने वाले जीएसटी से जुड़ी है. आइए जानते हैं इसके बारे में...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पान मसाला-तंबाकू
दरअसल, पान मसाला-तंबाकू और इसी तरह की अन्य वस्तुओं के निर्यात पर एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के खुद वापसी की प्रक्रिया एक अक्टूबर से बंद हो जाएगी. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय के जरिए 31 जुलाई को जारी एक अधिसूचना के अनुसार ऐसी सभी वस्तुओं के निर्यातकों को अपने रिफंड दावों के साथ क्षेत्राधिकार टैक्स अधिकारियों से संपर्क करना होगा और उनकी मंजूरी लेनी होगी.


अक्टूबर से होंगे लागू
ये बदलाव एक अक्टूबर से लागू होंगे. विशेषज्ञों ने कहा कि इस कदम का मकसद टैक्स चोरी को रोकना है क्योंकि हो सकता है कि निर्यात किए जाने वाले सामानों का मूल्यांकन अधिक किया गया हो. ऐसी स्थिति में आईजीएसटी रिफंड की राशि भी बढ़ सकती है. रिफंड की अधिकारियों के जरिए खुद जांच यह सुनिश्चित करेगी कि मूल्यांकन सर्वोत्तम तरीके से किया गया है और सभी चरणों में टैक्स का भुगतान किया गया है.


आईजीएसटी रिफंड
जिन वस्तुओं के खुद आईजीएसटी रिफंड पर रोक लगाई गई है, उनमें पान मसाला, कच्चू तंबाकू, हुक्का, गुटखा, धूम्रपान मिश्रण और मेंथा तेल सहित अन्य वस्तुएं शामिल हैं. ऐसी वस्तुओं पर 28 प्रतिशत आईजीएसटी और उपकर लगता है. (इनपुट: भाषा)