वॉशिंगटन: भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उत्साहित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2015-16 में भारत की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में और बढ़कर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।


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इस बहुपक्षीय ऋणदाता एजेंसी ने भारत में हाल में उठाये गये कदमों का स्वागत किया है। भारत में सार्वजनिक ढांचागत सुविधाओं में खर्च बढ़ाने, सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने, उत्पाद एवं श्रम बाजार को अधिक लचीला बनाने तथा वित्तीय समावेश को और व्यापक बनाने के कदमों का आईएमएफ ने स्वागत किया है।


आईएमएफ के लिये भारत मिशन के प्रमुख पॉल केशिन ने कहा, ‘इस समय भारत का परिदृश्य बहुत अच्छा है। भारत को उर्जा और कच्चे तेल के दाम घटने का फायदा मिला है। भारत दुनिया में कच्चे तेल के बड़े आयातक देशों में से एक है और यही वजह है कि तेल सस्ता होने से भारतीयों की वास्तविक आय बढ़ी है।’ आईएमएफ ने भारत की वृद्धि का जो अनुमान व्यक्त किया है वह 2015-16 के लिये सरकार के सीएसओ के अग्रिम अनुमान 7.6 प्रतिशत से कम है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि सीएसओ अनुमान से कुछ कम 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।


आईएमएफ ने कहा है, ‘मजबूत घरेलू मांग के चलते वित्तीय वर्ष 2015-16 में भारत की आर्थिक वृद्धि 7.3 प्रतिशत और 2016-17 में बढ़कर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जायेगी।’ आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक 2014-15 में भी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत ही थी।