Forex Reserves on Record Leval: आरबीआई की तरफ से एक और राहत देने वाली खबर आई है. हाल ही में र‍िजर्व बैंक की तरफ से सरकार का अब तक का सबसे ज्‍यादा 2.11 लाख करोड़ रुपये का ड‍िव‍िडेंड देने का ऐलान क‍िया गया था. इसके बाद अब आरबीआई की तरफ से बताया गया क‍ि देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा भंडार 17 मई को खत्‍म हुए हफ्ते में 4.55 अरब डॉलर बढ़कर 648.7 अरब डॉलर के नये र‍िकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. आरबीआई की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि यह विदेशी मुद्राभंडार में इजाफे का लगातार तीसरा हफ्ता है.


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लगातार कई हफ्तों से बढ़ रहा व‍िदेशी मुद्रा भंडार


इससे पहले के हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 2.56 अरब डॉलर का इजाफा देखा गया था और यह बढ़कर 644.15 अरब डॉलर हो गया था. 5 अप्रैल को खत्‍म हुए हफ्ते में यह 648.56 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 17 मई को खत्‍म हुए हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा 3.36 अरब डॉलर बढ़कर 569.01 अरब डॉलर हो गयी. डॉलर के बारे में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.


आरबीआई ने चार महीने में 24 टन सोना खरीदा
रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन हफ्ते के दौरान सोने का आरक्षित भंडार का मूल्य 1.24 अरब डॉलर बढ़कर 57.19 अरब डॉलर हो गया. विशेष आहरण अधिकार (SDR) 11.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.17 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के पास भारत की आरक्षित जमा 16.8 करोड़ डॉलर घटकर 4.33 अरब डॉलर रही. आपको बता दें साल 2023 में पूरे साल के दौरान आरबीआई ने 16 टन सोना खरीदा था. लेक‍िन इस साल 1 जनवरी 2024 से लेकर अप्रैल 2024 तक र‍िजर्व बैंक ने डेढ़ गुना यानी 24 टन सोना खरीद ल‍िया है. इससे आरबीआई का गोल्‍ड र‍िजर्व बढ़कर 827.7 टन पर पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ना देश के ल‍िए कई मायनों में फायदेमंद है. आइए जानते हैं कैसे?


अर्थव्यवस्था की मजबूती
जब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ता है तो इसका मतलब है कि देश के पास विदेशी मुद्राओं (जैसे अमेरिकी डॉलर, यूरो) ज्‍यादा मात्रा में हैं. यह अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है और आर्थिक झटकों से बचाता है. उदाहरण के लिए, यदि आयात के लिए भुगतान करने के लिए अधिक विदेशी मुद्रा की जरूरत होती है तो सरकार विदेशी मुद्रा भंडार से भुगतान कर सकती है. इसके अलावा विदेशी मुद्रा भंडार मुद्रा की स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करता है. जब कोई देश अपनी मुद्रा को कमजोर होने से बचाने के लिए हस्तक्षेप करता है, तो वह विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी मुद्राएं खरीदकर ऐसा करता है.


इम्‍पोर्ट की क्षमता में बढ़ोतरी
विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से देश अधिक मात्रा में आयात करने में सक्षम होता है. यह महत्वपूर्ण वस्तुओं और उपकरणों तक पहुंच प्रदान करता है जो आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं. विदेशी मुद्रा भंडार सरकार को विदेशी लोन चुकाने में मदद करता है. इसके साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से निवेशकों का भरोसा बढ़ता है. इससे व‍िदेशी न‍िवेश ज्‍यादा से ज्‍यादा आकर्षित होता है.