Indian Railway Jobs: दफ्तर देर से आने और जल्दी जाने वाले कर्मचारियों पर नकेल कसने की रेलवे ने तैयारी कर ली है. ऐसे कर्मचारियों के लिए रेलवे ने सख्त चेतावनी जारी की है. रेलवे ने आदेश में कहा है कि कर्मचारी सुबह 9 बजे दफ्तर पहुंच जाएं वरना उनकी आधे दिन की कैजुअल लीव लगा दी जाएगी. इतना ही नहीं उनकी तनख्वाह भी काटी जा सकती है. रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक, देर से आने के लिए हर दिन औसत तनख्वाह दी जाएगी. जो लोग देर से आने और जल्दी जाने के आदी हो गए हैं, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.


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जल्दी जाने वालों को भी मिली चेतावनी


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो कर्मचारी जल्दी दफ्तर से चले जाते हैं, उनको भी चेतावनी मिली है. इस महीने की शुरुआत में एक आदेश जारी हुआ था, जिसमें रेलवे बोर्ड ने कहा था कि वक्त पर दफ्तर आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों और स्टाफ दोनों के प्रतिशत में काफी कमी आई है, जिसको बेहद गंभीरता से लिया गया है. 


बता दें कि बोर्ड के दफ्तरों में काम करने वाले अधिकारियों की अटेंडेंस दर्ज करने के लिए साल 2014 में आधार बेस्ड बायोमीट्रिक सिस्टम लाया गया था. 


इसके बाद साल 2016 और 2017 में वक्त पर दफ्तर आने और सुपरवाइजर को बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की ठीक से निगरानी करने को कहा गया था. इतना ही नहीं डिविजन अफसर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स से कहा गया था कि वह अपने अधीन काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की वक्त पर अटेंडेंस सुनिश्चित करें.


रेलवे ने क्या कहा अपने आदेश में


आदेश में कहा गया, दफ्तर में सभी कर्मचारियों को कामकाजी दिनों में सुबह 9 से शाम 5.30 तक रहना है. दोपहर में 1 से 1.30 बजे तक आधे घंटे का लंच टाइम होगा. सभी कर्मचारियों से अपेक्षा है कि वह सुबह 9 बजे अपनी सीट और वर्कप्लेस पर जाएं. इसके अलावा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जो कर्मचारी उनके अंडर काम कर रहे हैं, वह वक्त पर दफ्तर आएं.


आदेश के मुताबिक, हर कोई कर्मचारी हर दिन देर से आता है तो उसका आधे दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जाएगा. हर महीने सिर्फ दो बार एक घंटे की देरी से आना माफ किया एगा. आकस्मिक अवकाश काटने के अलावा जो रेलवे कर्मचारी लेट आएंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा दफ्तर से जल्दी जाने वालों को भी देर से आने वालों के जैसा ही माना जाएगा.