Vande Bharat Train Costing: रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री ने वंदे भारत ट्रेन की योजना में बड़ा बदलाव क‍िया है. पहले 120 ट्रेन बनाने की योजना थी, इसमें हर ट्रेन में 16 कोच का प्‍लान था. लेक‍िन अब इस प्‍लान‍िंग में बदलाव क‍िया गया है. अब ट्रेनों की संख्‍या 120 से घटाकर 80 कर दी गई है. लेकिन हर ट्रेन में 24 कोच होंगे. इनमें से कुछ कोच पैंट्री और सामान रखने के लिए होंगे. इससे देश में हाई-स्पीड ट्रेन यात्रा का दायरा बढ़ जाएगा. एक ट्रेन को बनाने में करीब 120 करोड़ रुपये का खर्च आता है.


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सितंबर 2025 में बनकर तैयार होगा मॉडल


24 कोच वाली नई वंदे भारत (Vande Bharat) ट्रेन का पहला मॉडल सितंबर 2025 के करीब बनकर तैयार हो जाएगा. दूसरा मॉडल नवंबर तक तैयार होने की उम्‍मीद है. इन ट्रेनों को तैयार करने का काम अलग-अलग चरणों में होगा. यह काम काइनेट रेलवे सॉल्‍यूशन (Kinet Railway Solutions) नामक कंपनी करेगी. योजना में बदलाव इसलिए किया गया ताक‍ि ट्रेन बनाने का खर्च कम हो और ट्रेनें भी ज्यादा अच्छे से चलें. रेलवे का 2047 तक 2500 हाई-स्पीड ट्रेन बनाने का टारगेट है. इन ट्रेनों से धीरे-धीरे पुरानी ट्रेनों को बदला जाएगा.


ज्यादा तेज दौड़ेगी ट्रेन और खर्च भी कम आएगा
ट्रेन बनाने में अब स्टील की जगह एल्युमीनियम का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे ट्रेनें ज्यादा तेज दौड़ेंगी और बनाने में भी कम खर्च आएगा. हालांक‍ि प‍िछले द‍िनों खबर यह भी आई थी रेलवे ने एल्‍युम‍िन‍िम कोच की 3000 करोड़ रुपये की डील को रद्द कर द‍िया है. अभी काइनेट रेलवे सॉल्‍यूशन (Kinet Railway Solutions) की तरफ से सेमी हाई-स्पीड ट्रेन को बनाने का काम क‍िया जा रहा है. यह कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), रूस की Metrowagonmash और Locomotive Electronic Systems (LES) को म‍िलाकर तैयार क‍िया गया ज्‍वाइंट वेंचर है.


इन तीन कंपन‍ियों की ह‍िस्‍सेदारी
इस करार में RVNL का 25%, Metrowagonmash का 70%, और LES का 5% हिस्सा है. इस ग्रुप को Vande Bharat ट्रेनें बनाने और लंबे समय तक उनका रख-रखाव करने का काम दिया गया है. इसके लिए अप्रैल 2023 में एक बड़ा करार हुआ था. इस डील के तहत 200 वंदे भारत ट्रेन सेट को तैयार क‍िया जाएगा, जिनमें से हर सेट में 16 कोच होंगे. इन कोच में सोने के लिए बर्थ होंगे. साथ ही, इन ट्रेनों की 35 साल तक देखभाल भी इस करार में शामिल है.