Coach Washing Plants: भारतीय रेलवे की तरफ से लगातार इनोवेशन पर फोकस क‍िया जा रहा है. देश में न‍िर्म‍ित सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन वंदे भारत इसी का नतीजा है. इसके अलावा भी रेलवे ने कई ऐसी तकनीक की मदद ली है, जो यात्र‍ियों को सहूल‍ियत देने वाली है. अब रेलवे की तरफ से ऑटोमेट‍िक कोच वॉशिंग प्लांट (Automatic Coach Washing Plants) का वीड‍ियो सोशल मीड‍िया प्‍लेटफॉम एक्‍स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर क‍िया गया है. इसमें रेलवे की तरफ से दावा क‍िया गया है क‍ि इससे पूरी ट्रेन को साफ करने में 15-20 मिनट का समय लगता है.


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कोच की जल्‍दी सफाई हो सकेगी


इस वीड‍ियो में दावा किया गया है कि प्‍लांट कई आधुन‍िक चीजों के अलावा हाई प्रेशर वॉटर जेट और हॉरीजेंटल-वर्ट‍िकल घूमने वाले ब्रश जैसी सुविधाओं से लैस है. रेलवे की तरफ से यह भी बताया गया क‍ि इस प्‍लांट में ट्रेनों को साफ करने के लिए पानी भी कम खर्च होगा. इसके साथ ही म‍िन‍िमम एनर्जी, मेंटीनेंस और मैन पावर की जरूरत होगी. इस सुव‍िधा की मदद से ट्रेनों की आसानी से और जल्‍दी सफाई की जा सकेगी.


67 प्‍लांट को शुरू क‍िया जा चुका
रेलवे के अनुसार अगस्त 2023 तक ऐसे 67 प्‍लांट को शुरू क‍िया जा चुका है. रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से क‍िए गए ट्वीट में ल‍िखा है, रेलवे कोच की सफाई के ल‍िए ऑटोमेट‍िक स्‍व‍िफ्ट कोच क्‍लीन‍िंग! रेलवे की तरफ से क‍िए गए ट्वीट में बताया गया क‍ि ऑटोमेट‍िक कोच वॉश‍िंग प्‍लांट कम जरूरतों पर पर्यावरण-अनुकूल और बेहतर कोच धुलाई को सक्षम बनाता है.



ऑटोमेट‍िक कोच क्‍लीन‍िंग क्‍या है?
इस प्‍लांट में रेलवे कोच के ल‍िए मल्‍टी स्‍टेप क्‍लीन‍िंग स‍िस्‍टम शुरू क‍िया गया है. यहां डिटर्जेंट सॉल्‍यूशन, हाई प्रेशर वॉटर जेट और और घूमने वाले ब्रश का उपयोग क‍िया जाता है. इसमें ट्रेन के बाहरी ह‍िस्‍से की धुलाई के ल‍िए पानी की खपत को भी कम क‍िया जा सकेगा. एक प्लांट को तैयार करने की लागत करीब 1.9 करोड़ रुपये है. हाल ही में पूर्वी रेलवे के हावड़ा डिवीजन ने EMU ट्रेनों की बेहतर सफाई के ल‍िए ईएमयू (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) कार-शेड में एक एसीडब्ल्यूपी शुरू क‍िया है.