नई दिल्ली:  देश में बुलेट ट्रेन (Bullet Train) का जाल बिछने जा रहा है और इसमें प्राइवेट इंवेस्टमेंट (Private Investment) का अच्छा मौका है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत मुम्बई-नासिक-नागपुर रूट पर और जानकारी जुटाने के मकसद से सरकार ने टेंडर जारी किए हैं. दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमबदबाद और दिल्ली-लखनऊ-वाराणसी रूट के लिए भी टेंडर जारी किए गए हैं.


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500 से 1000 करोड़ रुपए तक का टेंडर
दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रूट 886 किलोमीटर का है जबकि दिल्ली-लखनऊ-वाराणसी 865 किमी का रूट है. यह पीएसयू RITES के टेंडर भरने और हासिल करने के लिए बड़ा मौका है. बुलेट ट्रेन रूट के लिए जरूरी विशेष स्टडी में RITES को महारथ हासिल है. सूत्रों के मुताबिक, एक रूट पर ही 500 से 1000 करोड़ रुपए तक का टेंडर हो सकता है.


RITES के अलावा LIDAR टेक्नोलॉजी में शामिल तमाम कंपनियों के लिए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में टेंडर हासिल करने का मौका होगा.


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विदेशी कंपनियां भी रेस में शामिल
सूत्रों के मुताबिक, कई विदेशी कंपनियां भी रेस में शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, रूस, जर्मनी, अमेरिका की कंपनियां भी शामिल हैं. टेंडर फ्लोट करने से पहले रूस, जर्मनी और अमेरिका की कंपनियों ने NHRCL को प्रेजेंटेशन भी दिया था.


दरअसल, तीनों देशों की पूरी कोशिश है कि भारत में जापान की बुलेट ट्रेन के बाद उनकी टेक्नोलॉजी आधारित बुलेट ट्रेन आए और चले


मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रूट पर जापान के साथ मिलकर भारत बुलेट ट्रेन चलाने के लिए काम कर रहा है. इसे 2024 में चलाने का लक्ष्य है. 5 और बुलेट ट्रेन रूटों पर भी टेंडर जल्द जारी होंगे.


ये बुलेट ट्रेन रूट हैं - 


मुंबई-नागपुर (753km)


चेन्नई-मैसूर (435km)


दिल्ली-अमृतसर (459km)


मुंबई-हैदराबाद (711km)


वाराणसी-हावड़ा (760km)


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