N.R. Narayana Murthy: देश की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की भारत की क्षमता पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि चीन की जीडीपी भारत से छह गुना ज्यादा है. ऐसे में भारत के लिए मैन्यूफैक्चरिंग हब जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना एक दुस्साहस है. देश में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में विकास के लिए सरकार की भागीारी और सार्वजनिक प्रशासन में सुधार लाना जरूरी है.


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नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि चीन को पीछे छोड़ने और भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की सपनों में देश को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. 


चीन दुनिया की फैक्ट्री


भारत के लिए मैन्यूफैक्चरिंग हब और ग्लोबल लीडर जैसे भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल पर आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि चीन पहले ही दुनिया की फैक्ट्री बन चुका है. दुनिया के सुपरमार्केट्स और घरों में लगभग 90 प्रतिशत चीन में निर्मित वस्तुओं का इस्तेमाल हो रहा है. चीन का जीडीपी भारत की तुलना में छह गुना अधिक है. ऐसे में यह कहना हमारे लिए बहुत ही दुस्साहस है कि भारत मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बन जाएगा. जीडीपी वह महत्वपूर्ण चुनौती है जिसे भारत को पाटने की जरूरत है.


दुर्भाग्य से भारत जैसे देश में...


समिट के दौरान नारायण मूर्ति ने कहा कि जहां आईटी इंडस्ट्री निर्यात पर फलता-फूलता है. वहीं, मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र घरेलू योगदान और सरकारी समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर करता है. मैन्युफैक्चरिंग  के लिए कुल मिलाकर घरेलू योगदान अधिक है और मैन्युफैक्चरिंग की सफलता में सरकार की एक बड़ी भूमिका होती है. लेकिन दुर्भाग्य से भारत जैसे देश में सार्वजनिक प्रशासन में प्रतिक्रिया समय, पारदर्शिता, जवाबदेही, गति और उत्कृष्टता अभी भी है सुधार की जरूरत है.