Infosys Share: दिग्गज IT कंपनी इंफोसिस पर बड़ा आरोप लगा है. दरअसल, इंफोसिस ने Talent Acquisition के पूर्व उपाध्यक्ष जिल प्रेजीन ने एक अमेरिकी अदालत को बताया कि उन्हें बेंगलुरु मुख्यालय वाली आईटी कंपनी इंफोसिस ने अमेरिका स्थित अपने ऑफिस में भारतीय मूल के लोगों, घर पर बच्चों वाली महिलाओं और 50 या उससे अधिक उम्र के उम्मीदवारों को काम पर रखने से बचने के लिए कहा था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भेदभाव के आरोप


यह दूसरी बार है जब भारतीय आईटी कंपनी पर अमेरिका में काम पर रखने के तरीकों में भेदभाव के आरोप लगे हैं. न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इंफोसिस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें प्रेजीन द्वारा जवाबी कार्रवाई और शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण के लिए दायर मुकदमे को खारिज करने का प्रस्ताव दिया गया था. प्रेजीन ने इंफोसिस, पूर्व वरिष्ठ वीपी और परामर्श के प्रमुख मार्क लिविंगस्टन और पूर्व पार्टनर्स डैन अलब्राइट और जेरी कर्ट्ज के खिलाफ मुकदमा दायर किया.


जताई थी आपत्ति


अन्यायपूर्ण बर्खास्तगी का आरोप लगाते हुए, इंफोसिस के पूर्व उपाध्यक्ष ने अपने मुकदमे में कहा कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को काम पर रखने की अवैध मांगों का पालन करने पर आपत्ति जताने पर कंपनी के साझेदार कर्ट्ज और अलब्राइट उनके प्रति विरोधी हो गए. वादी को फर्म के कंसल्टिंग डिवीजन में पार्टनर या वीपी के रूप में काम करने के लिए "हार्ड-टू-फाइंड एक्जीक्यूटिव" की भर्ती के लिए काम पर रखा गया था. वह 59 वर्ष की थीं जब उन्हें 2018 में नौकरी के लिए रखा गया था.


शिकायत


उसकी शिकायत के अनुसार, "उम्र, लिंग और देखभाल करने वाले की स्थिति के आधार पर साथी स्तर के अधिकारियों के बीच अवैध भेदभावपूर्ण एक प्रचलित संस्कृति को देखकर वह चौंक गई." शिकायत में आगे उल्लेख किया गया है कि प्रेजीन ने "अपने रोजगार के पहले दो महीनों के भीतर इस संस्कृति को बदलने की कोशिश की" लेकिन "इंफोसिस के भागीदारों- जेरी कर्ट्ज और डैन अलब्राइट से इस पर प्रतिरोध हो गया."


कोर्ट ने मांगा जवाब


शिकायत में आगे उल्लेख किया गया है कि पूर्वाग्रहों ने न्यूयॉर्क शहर के मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन किया और प्रेजीन को उसकी नौकरी की कीमत चुकानी पड़ी. रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने प्रतिवादियों से 30 सितंबर को आदेश की तारीख से 21 दिनों के भीतर आरोपों का जवाब देने को भी कहा है.



ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर