Iran-Israel conflict latest updates: मिडिल ईस्ट में छिड़ी जंग (middle east conflict) अपने चरम पर पहुंच गई है. ईरान और इजरायल (Iran-Israel war) आमने-सामने आ गए हैं. ईरान ने इजरायल पर शनिवार देर रात सैकड़ों ड्रोन, क्रूज मिलाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है. इस तनाव का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल सकता है. इस जंग की वजह से दुनियाभर में महंगाई तो बढ़ ही सकती है. इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में भी उबाल देखने को मिल सकता है. 


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सोमवार से शुरू हुआ ये हफ्ता शेयर मार्केट के लिए भी चिंताभरा रह सकता है. इस जंग का असर भारत में लोगों की जेब पर देखने को मिलेगा. अमेरिका में पहले से चल रही महंगाई की चिंता थोड़ी और बढ़ सकती है. 


90 डॉलर के पार कच्चा तेल


इजरायल-हमास युद्ध का असर शेयर बाजार के साथ ही कच्चे तेल की कीमतों पर भी देखने को मिलगा. 12 अप्रैल को कच्चे तेल की कीमतों में 1 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही थी. वहीं, आज यानी सोमवार को भी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी है. आज भी ब्रेंट क्रूड का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के पार है. 


100 डॉलर के पार निकल सकती हैं कीमतें


एक्सपर्ट के मुताबिक, ईरान-इजरायल के बीच चल रही वॉर की वजह से कच्चे तेल का भाव 6 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है. एनालिस्ट का मानना है कि अगर यह युद्ध और बड़ा रूप लेता हो तो ब्रेंट क्रूड की कीमतें 100 डॉलर के भी पार निकल सकती हैं. कीमतें बढ़ने का सबसे ज्यादा असर भारत पर देखने को मिल सकता है क्योंकि भारत अपनी तेल की करीब 90 फीसदी जरूरतों को दूसरे देशों के जरिए ही पूरी करता है. 


भारत को होगा नुकसान


अगर कच्चे तेल का भाव 100 डॉलर के पार निकलता है तो इससे भारत में रहने वाले लोगों को भी अपनी जेब ढीली करनी होगी. कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से पेट्रोल-डीजल के भाव भी बढ़ेंगे. इस समय भारत में चुनावी सीजन चल रहा है ऐसे में लोगों का मानना है कि चुनाव के बाद ईंधन की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है. चुनावी सीजन में आम जनता को मिली राहत जल्द ही खत्म हो सकती है.


खतरा अभी भी टला नहीं


इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान द्वारा लॉन्च की गई लगभग 330 मिसाइलों और ड्रोनों में से 99 प्रतिशत को रोक दिया गया था, लेकिन "खतरा खत्म नहीं हुआ है" ईरान ने इजरायल को जवाबी कार्रवाई करने पर उसके क्षेत्र पर बड़े हमले की चेतावनी दी है, साथ ही कहा है कि अगर वाशिंगटन ईरान के खिलाफ किसी भी इजरायली सैन्य कार्रवाई का समर्थन करता है तो अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा.