Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया. बजट पेश होने से पहले आयुष्मान योजना से लेकर किसान सम्मान निधि योजना तक से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन यह बजट कई वर्गों के लिए उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहीं. आइए जानते हैं कि इस बजट में किन-किन वर्गों को निराशा हाथ लगी है.


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बेरोजगारों के हाथों लगी निराशा


वर्तमान में भारत में महंगाई और बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है. बेरोजगारी का असर हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला. इस आम चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही है. इसकी बड़ी वजह महंगाई और बेरोजगारी थी.


ऐसे में बेरोजगारों को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन सरकार की ओर से पेश बजट में बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं नजर आई.


किसानों के हाथ भी खाली


बजट में कृषि और उससे संबंद्ध क्षेत्रों के लिए भले ही 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि आवंटित की गई है. लेकिन किसानों के फसल पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई है. इसके अलावा सरकार से यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की रकम 6 हजार से बढ़ाकर 8 हजार सालान कर सकती है. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.


मिडिल क्लास एक बार फिर निराश


इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें अगर कोई लगाए हुए थे तो वे थे सैलरीड क्लास. लेकिन उन्हें भी कुछ ज्यादा राहत नहीं दी गई है. हालांकि, सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडेक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया है. और टैक्स स्लैब में बदलाव किया है. लेकिन मिडिल क्लास की मांग थी कि न्यू टैक्स रिजीम में भी पुरानी टैक्स रिजीम की तरह ही छूट और कटौतियों हो. इसके अलावा सबसे ज्यादा टैक्स देने वालों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है.


बजट भाषण में रेलवे का जिक्र तक नहीं


हालिया कुछ सालों में जिस तरह से रेलवे बड़ी दुर्घटनाओं का शिकार हुआ है. ऐसे में लोगों की उम्मीद थी कि सरकार रेलवे और उसमें सफर कर रहे लोगों की सुरक्षा के लिए कोई ठोक कदम उठा सकती है. लेकिन वित्त मंत्री के बजट भाषण से रेलवे बिल्कुल ही गायब रहा. इसके अलावा रेलवे में सफर करने में जिस तरह से दिक्कतें आ रही हैं वैसे में वंदे भारत, अमृत भारत और स्पेशल ट्रेन से संबंधित घोषणा की अपेक्षा थी जो नदारद रही.