भारत से पंगा लेना पड़ गया महंगा! बेजार हो जाएगा कनाडा; कैसे चलेगा ट्रूडो का देश?
Justin Trudeau Govt: रिपोर्ट में बताए गए कारणों का असर कनाडा की आर्थिक प्रगति पर भी आने वाले समय में दिखाई दे सकता है. एक समय जनसंख्या वृद्धि के मामले में नए रिकॉर्ड बना रहा कनाडा में अब जनसंख्या रुक गई है.
Canada News in Hindi: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच कनाडा के लिए बुरी खबर आई है. जी हां, हालिया रिसर्च से सामने आया है कि पिछले कुछ सालों में कनाडा में आने वाले ज्यादातर लोगों ने देश को छोड़ने का विकल्प चुना है. यह उस देश के लिए खतरे का संकेत है जो जनसंख्या और इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए अप्रवासियों पर निर्भर है. एक अध्ययन से सामने आया है कि अप्रवासियों के देश छोड़ने की दर 1980 के बाद से लगातार बढ़ रही है.
रिपोर्ट में रोजगार के कम मौकों का जिक्र
अध्ययन के आंकड़ों से यह भी पता चला कि नए लोग कनाडा जाने को अब फायदे के सौदे के तौर पर नहीं देख रहे. हाल में प्रकाशित रिपोर्ट से उजागर हुआ है कि कनाडा नए लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल साबित हो रहा है. इसमें आवास की समस्या, हेल्थ-केयर सिस्टम और रोजगार के कम मौकों के बारे में जिक्र किया गया है. इस आधार पर बताया गया है कि किस तरह ये कारण अप्रवासियों का कनाडा के प्रति मोहभंग कर सकते हैं.
...तो मुसीबत में पड़ जाएगा कनाडा
रिपोर्ट में बताए गए कारणों का असर कनाडा की आर्थिक प्रगति पर भी आने वाले समय में दिखाई दे सकता है. एक समय जनसंख्या वृद्धि के मामले में नए रिकॉर्ड बना रहा कनाडा में अब जनसंख्या रुक गई है. इंस्टीट्यूट फॉर कैनेडियन सिटिजनशिप के सीईओ डैनियल बर्नहार्ड ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अप्रवासियों का कनाडा की तरफ गिरता रुझान हमारी विफलता है. हमें इसे अलर्ट के तौर पर लेना होगा. अगर इस पर काम नहीं किया तो अप्रवासी चले जाएंगे और देश मुसीबत में पड़ जाएगा.
सरकार की आलोचना बढ़ गई
जस्टिन ट्रूडो सरकार बढ़ती आबादी की गिरावट को रोकने और ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को जोड़ने के लिए अप्रवासियों को रोकने पर काम कर रही है. पिछले कुछ सालों में रिकॉर्ड जनसंख्या वृद्धि के कारण सरकार की आलोचना बढ़ी है. रिपोर्ट के आधार पर 2017 और 2019 में कनाडा छोड़ने वाले अप्रवासियों की सालाना दर में बढ़ोतरी देखी गई. यह 2017 में 20 साल के उच्चतम स्तर 1.1% और 2019 में 1.18% तक पहुंच गई. इसकी तुलना 1982 के बाद परमानेंट रेजिडेंट पाने वाले 0.9% लोगों से की जाती है, जो हर साल कनाडा छोड़ देते हैं.
आपको बता दें पिछले दिनों खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा ने भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. इसके चलते कनाडा ने भारतीय राजदूत को तलब भी किया था. कनाडा के इस कदम पर भारत ने इसका जवाब देते हुए आरोपों को निराधार बताया था. भारत ने भी कनाडाई राजदूत को तलब करके इन आरोपों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. यही से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते चले गए. इसके बाद दोनों देशों के राजनयिकों को एक-दूसरे का देश छोड़ना पड़ा.