DICGC Act: आपका बैंक हो गया कंगाल तो 90 दिन में मिल जाएंगे 5 लाख रुपये, मोदी सरकार बदलने जा रही है नियम
मोदी सरकार ने बजट में ऐलान कर दिया है कि अगर आपका बैंक डूबा तो 5 लाख तक की रकम को कोई खतरा नहीं होगा. जिसके बाद ये सवाल लोगों के मन में चल रहा है कि अगर उनके साथ भी ऐसा हो जाए तो ये 5 लाख रुपये कब और कैसे मिलेंगे. इसी को लेकर बड़ी खबर ये आ रही है कि मोदी सरकार DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) एक्ट में बदलाव करने जा रही है.
दिल्ली: पिछले कुछ सालों में जिस तरह से बैंकों से निकासी पर बार-बार पाबंदी लगी है, उससे कई बार ये सवाल मन में आया है कि आखिरकार बैंक के अंदरूनी हालात क्या हैं. क्या बैंक डूबने वाला है या फिर अपने आपको दिवालिया घोषित कर देगा. बैंक के दिवालिया होने पर अब किसी भी खातेदार को 5 लाख तक की रकम के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा. मोदी सरकार ने DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) एक्ट में बदलाव करने की पूरी तैयारी कर ली है.
क्या है DICGC एक्ट
Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation रिजर्व बैंक की एक संस्था है जो खातों में जमा रकम पर गारंटी देती है. DICGC सभी तरह के बैंक डिपॉजिट को कवर देता है जिनमें बचत खाता (Saving Account), सावधि जमा (Fixed Deposit), चालू खाता (Current Account) और रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit) शामिल हैं. बजट 2021 से पहले ये गारंटी 1 लाख रुपये तक की होती थी लेकिन अब इसे 5 गुना बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. 1993 से पहले ये गारंटी केवल 30 हजार रुपये की होती थी लेकिन बदलते वक्त के साथ इसमें भी बदलाव हो रहा है.
90 दिन में मिल जाएगी 5 लाख तक की रकम
DICGC एक्ट में बदलाव होने पर 5 लाख तक की रकम 90 दिन में मिल जाएगी. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर किसी शख्स के खाते में 3 लाख रुपये जमा हैं और उसका बैंक डूब जाए तो उसको 3 लाख रुपये 90 दिन में मिल जाएंगे लेकिन अगर किसी शख्स के खाते में 7 लाख रुपये जमा हैं तो उसे नियम के तहत 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपये की रकम ही मिलेगी क्योंकि DICGC इतनी ही रकम की गारंटी देता है.
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कई बैंक झेल रहे आर्थिक दिक्कत
मोदी सरकार ने देश में केवल बड़े बैंक जारी रखने की योजना बनाई है. दरअसल हाल-फिलहाल में देखा गया है कि कई छोटे बैंक आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि अपने स्टाफ को सैलरी भी नहीं दे पा रहे हैं. इस वजह से मोदी सरकार ने कई बैंक एक दूसरे में मर्ज कर दिए हैं. पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इंडियन बैंक को मर्ज कर दिया गया है. बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक को मर्ज कर दिया गया है. बैंक ऑफ इंडिया में बैंक ऑफ महाराष्ट्र और आंध्रा बैंक को मर्ज कर दिया गया है. Canara बैंक में यूको, इंडियन ओवरसीज और सिंडिकेट बैंक को मर्ज किया गया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और IDBI को मर्ज कर दिया गया है.
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