नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि कानूनों में संशोधन पर विचार किया जा रहा है, जिससे घर खरीदने वालों (Home Buyers) को मदद मिलेगी. प्रमुख रीयल एस्टेट (Real Estate) कारोबारियों द्वारा खरीदारों को फ्लैट की डिलीवरी नहीं किए जाने के कारण वे फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने घर खरीदने वालों की मांगों का समाधान करने के लिए अध्यादेश पर विचार करने की बात कहते हुए अदालत से और समय मांगा.


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संशोधनों को अधिसूचित नहीं किया गया
सरकार ने उन नए प्रस्तावों और संशोधनों के बारे में बताया जिनसे समाधान की प्रक्रिया पर सीधा असर होगा और सबके हित में अनुकूल होगा. सरकार ने कहा कि संशोधनों को अभी अधिसूचित नहीं किया गया है. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि अदालत को अंतिम संशोधन और इसके प्रभाव को देखना है. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए मामले को एक अगस्त को सूचीबद्ध किया है.


घर खरीदने वालों की ओर से अदालत में पक्ष रख रहे वकील ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के ऋणशोधन प्रक्रिया में जाने से उनकी उम्मीदों को धक्का लग सकता है.


घर खरीदने वालों के वकील ने यूनिटेक के घर खरीदने वालों के मामले का हवाला दिया जिसमें सरकार ने बंद परियोजनाओं का अधिग्रहण करने का संकेत दिया था. जेपी मामले में भी उसी प्रकार की राहत की मांग की गई. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से घर खरीदने वालों के हितों की रक्षा के लिए समाधान तलाशने को कहा.