सरकार के लिए जी का जंजाल बनीं ये 2 वेबसाइट, रातोंरात नहीं लेती एक्शन तो बर्बाद हो जाते आप
आधार और पैन कार्ड का डाटा लीक करने वाली दो वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम को इन वेबसाइट से जुड़े सिक्योरिटी ब्रीच की जानकारी मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई.
Aadhaar Pan Card Details: गोपनीय जानकारी लीक होने के कारण कई बार साइबर फ्रॉड से जुड़े मामले सामने आए हैं. अब सरकार की तरफ से ऐसी वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया है, जो देश के लोगों की आधार और पैन समेत पर्सनल डाटा को गलत तरीके से फैला रही थीं. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री के तहत संचालित इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-in) को इन वेबसाइट के सिक्योरिटी ब्रीच के बारे में पता चला था. इसके बाद सरकार की तरफ से इन वेबसाइट को ब्लॉक करने का कदम उठाया गया.
इन वेबसाइट में अहम सुरक्षा खामियां पाई गईं
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफारमेंशन टेक्नोलॉजी ने देश के लोगों के डेटा की प्राइवेसी और सिक्योरिटी पर जोर देते हुए कहा कि इन वेबसाइट्स में अहम सुरक्षा खामियां पाई गईं. इन वेबसाइट के जरिये आपकी पर्सनल जानकारी गलत हाथों में जाने की अनुमति थी. इस मामले को गंभीरता से लेकर इन वेबसाइट को ब्लॉक करने के लिए तुरंत कार्रवाई की गई है. यूआईडीएआई (UIDAI) ने आधार अधिनियम, 2016 के तहत आधार से जुड़ी डिटेल के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक संबंधी प्रावधान के उल्लंघन पर पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई है.
इन दो वेबसाइट के नाम पर दावा किया गया
रेडिट पर एक पोस्ट में दावा किया गया कि कई वेबसाइट आधार, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस का डाटा लीक कर रही हैं. लेकिन मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में महज दो वेबसाइट का नाम आया है. रिपोर्ट के अनुसार, नवी मुंबई स्थित इंडियन एयरोस्पेस एंड इंजीनियरिंग संस्थान की वेबसाइट 26 सितंबर, दोपहर 12 बजे तक आधार डेटा लीक कर रही थी. इसके अलावा बच्चों की ग्रोथ पर फोकस करने वाला ई-प्लेटफॉर्म द स्टार किड्ज 25 सितंबर तक आधार डाटा लीक कर रहा था.
वेबसाइट एनालिसिस से कुछ सेफ्टी इश्यू उजागर हुए
बयान में बताया गया ‘सीईआरटी-इन ने इन वेबसाइट के एनालिसिस से कुछ सेफ्टी इश्यू उजागर की हैं. इन वेबसाइट मालिकों को आईसीटी इंफ्रा को मजबूत करने और खामियों को दुरुस्त करने के लिए जानकारी दी गई है.’ आईटी अधिनियम के तहत, कोई भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित पक्ष शिकायत दर्ज करने और मुआवजे की मांग करने के लिए निर्णायक अधिकारी से संपर्क कर सकता है. राज्यों के आईटी सचिवों को निर्णायक अधिकारी के रूप में अधिकार दिया गया है. पिछले हफ्ते एक साइबर सुरक्षा शोधकर्ता ने दावा किया था कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के अधिकारियों ने 3.1 करोड़ ग्राहकों का डेटा बेचा है.