Union Budget 2025: मोदी सरकार तीसरी बार सत्‍ता में लौटने के बाद पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों का दावा है क‍ि इस बार के बजट में म‍िड‍िल क्‍लॉस पर फोकस क‍िये जाने की उम्‍मीद है. सरकार इस बार के बजट में नौकर‍ियों के मौके बढ़ाने फोकस कर सकती है. यही कारण है क‍ि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) का दायरा बढ़ाने का व‍िचार क‍िया जा रहा है. इसके अलावा छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भी बढ़ावा दिया जाएगा. महिलाओं की आमदनी बढ़ाने और देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी जोर दिया जाएगा. ये सभी मुद्दे सरकार के 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा हैं और इनसे साल 2030 तक के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.


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ब्याज दर पर म‍िलेगी रियायत?


इसके अलावा फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री म‍िड‍िल क्‍लॉस को राहत देने के उपायों पर विचार कर रही है. इसमें सिर्फ टैक्स में छूट ही शामिल नहीं हो सकती, बल्कि होम लोन पर ब्याज दर में रियायत और अन्य उपाय भी शामिल हो सकते हैं. चुनाव के बाद अभी इस पर शुरुआती चर्चा है लेक‍िन चुनावी नतीजों को ध्‍यान में रखकर सरकार की तरफ से फैसला ल‍िया जाएगा. बजट-पूर्व परामर्श शुरू हो गया है. अधिकारियों की तरफ से पहले ही काफी जमीनी काम क‍िया जा चुका है. यह काम उन अध‍िकार‍ियों ने क‍िया है जिन्हें मोदी ने 100 दिवसीय योजना तैयार करने का काम सौंपा था.


वित्त मंत्री का मुलाकात का स‍िलस‍िला चल रहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इकोनॉम‍िस्‍ट, एग्रीक्‍लचर सेक्‍टर के एक्‍सपोर्टर, मार्केट पार्ट‍िस‍िपेंट, बैंकर और लेबर यून‍ियन समेत अन्य लोगों से मुलाकात का स‍िलस‍िला चल रहा है. इसके अलावा व‍ित्‍त मंत्री जीएसटी काउंस‍िल की मीट‍िंग में शामिल होंगी. ज्‍यादा उद्योगों को पीएलआई योजना का लाभ देने का प्रस्ताव काफी समय से चल रहा है. खासकर केम‍िकल्‍स सेक्‍टर के ल‍िए जहां यूरोपीय कंपनियां कम निवेश कर रहीं. लेकिन सरकार को यह चिंता है कि कितने बड़े निवेश को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि देश में बड़ी वैश्‍व‍िक कंपनियां बनानी हैं.


छोटे कारोबार‍ियों को मजबूती देने के ल‍िए एमएसएमई पैकेज लाने की योजना है. लेक‍िन अभी इसकी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है. कोरोना के बाद छोटे कारोबार‍ियों को मदद देने की कोशिश की गई थी. इस पैकेज का मकसद यही है क‍ि ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा हो क्‍योंक‍ि खेती के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला यही सेक्‍टर है. चुनावों के दौरान सबसे बड़ी चिंता रोजगार की रही है, खासकर नौकर‍ियों की संख्या और उनका अच्छा होना. बहुत से लोगों का मानना है कि इसी मोर्चे पर बीजेपी कमजोर रही, जिसकी वजह से पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई. महिलाओं की कमाई बढ़ाने और उन्हें नौकरियों में ज्‍यादा से ज्यादा लाने के लिए कई सुझाव आए हैं, जैसे कुछ खास टैक्स नियमों के जर‍िये. अधिकारियों का कहना है कि इन प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी क्योंकि महिलाएं एनडीए के लिए अहम लक्ष्य समूह हैं.