Moody's Rating: रेटिंग एजेसी मूडीज ने 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 7.7 प्रतिशत से घटाकर 7.0 प्रतिशत कर दिया है.  मूडीज की यह नई रेटिंग इस वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि पूर्वानुमानों में हालिया कटौती की एक श्रृंखला का अनुसरण करती है. बता दें पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2022 में भारत के आर्थिक विकास के अपने अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था.


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फिर भी, भविष्यवाणियों में इस कटौती के बावजूद, भारत दुनिया की सबसे बड़ी बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है. भारत 2021-22 के वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा था.


भारतीय अर्थव्यवस्था के कई अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन एक ऐसे राष्ट्र में लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए आवश्यक नौकरियों की संख्या पैदा करना अभी भी बहुत धीमा होगा, जिसे अक्सर रैंकिंग में भूख के लिए दुनिया में सबसे खराब स्थान दिया जाता है. हालांकि आने वाला समय और मुश्किलों भरा हो सकता है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आगामी महीनों में और गिरावट की संभावना को बढ़ा देती है.


गिरावट भारत तक सीमित नहीं
ग्रोथ आउटलुक में हालिया गिरावट भारत तक सीमित नहीं है; वैश्विक अर्थव्यवस्था और अन्य प्रमुख देशों के लिए भी पूर्वानुमान घटा दिए गए हैं. कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में एकमुश्त मंदी की उम्मीद है.


रूस युक्रेन युद्ध का असर
जिस समय विश्व अर्थव्यवस्था महामारी के कारण हुए व्यवधानों से उबर रही थी, यूरोप में शुरू हुए एक युद्ध ने वैश्विक मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया और परिणामस्वरूप प्रत्येक प्रमुख केंद्रीय बैंक ने आक्रामक दर वृद्धि नीति अपनाई. दुनिया भर में बढ़ी हुई मुद्रास्फीति से उच्च उधारी लागत ने इस वर्ष आर्थिक गतिविधियों को और बाधित कर दिया है.


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