PM Kisan: किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री की बड़ी घोषणा, सुनकर आप भी हो जाएंगे खुश
Kisan Credit Card: सरकार किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए लगातार प्रयासरस है. इसके लिए सरकार की तरफ कुछ अहम योजनाएं शुरू करने के साथ ही और भी घोषणाएं की जा रही हैं.
Nirmala Sitharaman on KCC: मोदी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) योजना किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में सबसे प्रभावी कदम है. इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को हर साल 6000 रुपये दिए जाते हैं. पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से बैंकों को एक और निर्देश दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों से किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारकों को आसानी से कर्ज देने के लिए कहा है.
रूरल बैंकों की मदद करने के लिए भी कहा
पिछले दिनों एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) के साथ शिरकत की थी. बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने तकनीक को उन्नत बनाने में रीजनल रूरल बैंकों (Regional Rural Banks) की मदद करने को भी कहा था. बैठक के बाद मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC Yojana) का रिव्यू किया और इस बात पर विचार किया कि कैसे संस्थागत ऋण इस क्षेत्र को उपलब्ध कराया जा सकता है.
ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में महत्वपूर्ण भूमिका
वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने कहा था कि बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और मछली पकड़ने और डेयरी क्षेत्र में लगे सभी लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी करने पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा, 'एक अन्य सत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर यह निर्णय किया गया कि प्रायोजक बैंकों को उन्हें डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी सुधार में मदद करनी चाहिए.' क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में महत्वपूर्ण भूमिका है. इसके प्रायोजक बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) और राज्य सरकारें हैं.
सूत्रों ने बताया कि देश में कुल 43 आरआरबी हैं. इनमें से एक-तिहाई, विशेषकर पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों के आरआरबी घाटे में चल रहे हैं और इन्हें 9 फीसदी की नियामकीय पूंजी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोष की जरूरत है. इन बैंकों का गठन आरआरबी अधिनियम, 1976 के तहत हुआ है और इनका उद्देश्य छोटे किसानों, कृषि क्षेत्र के कामगारों और ग्रामीण इलाकों के कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.
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