Mutual Fund NFO: शेयर मार्केट में लगातार तेजी जारी है. एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने मार्केट में तेजी के माहौल के बीच में साल 2023 में 212 NFO पेश की गई है. इन एनएफओ के जरिए करीब 63,854 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. वहीं, एक साल पहले की तुलना में यह थोड़ा ज्यादा था. म्यूचुअल फंड योजनाओं का संचालन करने वालीं एएमसी (AMC) ने साल 2022 में 228 एनएफओ के जरिये 62,187 करोड़ रुपये जुटाए थे. 


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AMC (Asset Management Companies) ने 2021 में NFO के जरिये 99,704 करोड़ रुपये और 2020 में 53,703 करोड़ रुपये जुटाए थे. निवेश एवं शोध फर्म फायर्स रिसर्च ने NFO के बारे में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बदलते कस्टमर व्यवहार और स्टैंडर्ड लिविंग की जरूरतों के साथ निवेशकों को लंबी अवधि में निवेश की अहमियत का पता चला है. 


महामारी ने सिखाया फाइनेंशियल प्लानिंग


साल 2020 में आई कोरोना महामारी ने फाइनेंशियल प्लानिंग की जरूरत बताई है. इसके अलावा लोग आपात स्थितियों से निपटने और संपत्ति बनाने के लिए नकद संपत्तियों पर जोर दे रहे हैं. 


इक्विटी इंवेस्टमेंट को लेकर अलर्ट करना जरूरी


रिपोर्ट कहती है कि साल 2023 में मजबूत आर्थिक गतिविधियों, जीएसटी कलेक्शन और सरकारी सुधारों एवं नीतियों में भरोसे से शेयर बाजार में मजबूती रही लेकिन 2024 में भी इस प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद करना बेमानी है. बाजार के हाई वैल्युएशन को देखते हुए शॉर्ट टर्म में इक्विटी में निवेश को लेकर अलर्ट करना जरूरी है. 


जनवरी-मार्च में आए 57 NFO


फायर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2023 में सबसे ज्यादा 57 एनएफओ जारी किए गए थे, लेकिन एनएफओ से 22,049 करोड़ रुपये का अधिकतम फंड जुलाई-सितंबर की अवधि में जुटाया गया. इसके अलावा एरिया पर आधारित 29 फंड ने बीते साल कुल 17,946 करोड़ रुपये जुटाए थे. 


बाजार में तेजी के दौरान आते हैं NFO


आमतौर पर म्यूचुअल फंड कंपनियां बाजार में तेजी के दौरान NFO लेकर आती हैं क्योंकि उस समय निवेशक मार्केट को लेकर काफी पॉजिटिव होते हैं. साल 2023 में NSE के इंडेक्स निफ्टी 50 ने 20 प्रतिशत का रिटर्न दिया जबकि निफ्टी मिडकैप एवं निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स  में क्रमशः 47 प्रतिशत एवं 56 प्रतिशत की शानदार तेजी देखने को मिली.


किसने कितना किया निवेश?


इस दौरान DIIs ने बाजार में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. इसने भारतीय इक्विटी बाजार को चार लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप की उपलब्धि तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. रिपोर्ट कहती है कि म्यूचुअल फंड में पिछले साल 2.74 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश देखा गया जबकि एक साल पहले 71,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आया था.