नई दिल्ली : रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि खासतौर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की फंसी कर्ज राशि में गिरावट आई है. उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकिंग क्षेत्र में परिचालन सुधार को लेकर विभिन्न पक्षों के साथ विचार विमर्श शुरू किया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-निष्पादित राशि (NPA) की स्थिति को लेकर हमारा ध्यान करीब करीब दैनिक आधार पर उस तरफ जाता रहा है. हमारी दो रिपोर्ट वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट (FSR) और भारतीय बैंकों में रुझान और प्रगति रिपोर्ट में इस बारे में आंकड़े दिये गये. इन रिपोर्टों में समूचे बैकिंग क्षेत्र और खासतौर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एनपीए स्तर में निश्चित रूप से सुधार देखा गया.


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23 हजार करोड़ से अधिक की कमी आई
सरकार की तरफ से किए गए कई प्रयासों का ही परिणाम रहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की फंसी कर्ज राशि में 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई है. यह राशि मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार 9.62 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गई थी. दास ने यहां सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कहा, बैंकों में काफी सुधार देखा गया है और यदि बैंकों को अपनी जवाबदेही पूरी करने है, और कुछ बैंकों को यदि बेहतर स्थिति में आना है तो उन्हें इसे बरकरार रखना होगा.


आरबीआई की हाल में जारी एफएसआर रिपोर्ट के अनुसार बैंकों का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2018 के 10.8 प्रतिशत से घटकर मार्च 2019 में घटकर 10.3 प्रतिशत पर आ सकता है. इसके बाद सितंबर 2019 में यह और घटकर 10.2 प्रतिशत रह सकता है.