Old Pension Scheme Vs New Pension: पुरानी पेंशन को लेकर मचा है बवाल, जानिए नई पेंशन से ज्यादा फायदेमंद कैसे है यह?
OPS Vs NPS: पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा दिया गया है. इससे पहले पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया है.
What is Old Pension Scheme: साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं. इससे पहले कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना पर ऐलान करके सियासत को गरमा दिया है. पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा दिया गया है. इससे पहले पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया है. इसके साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों की तरफ से भी पुरानी पेंशन की मांग तेज हो गई है. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में भी इसके लिए मांग की जा रही है.
वित्त राज्य मंत्री ने किया था इंकार
केंद्र की तरफ से इस पर किसी तरह का स्पष्ट नहीं दिया गया है. पिछले दिनों श्रमिक संगठनों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को बहाल करने की मांग की थी. श्रमिक संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सामने बैठकर बात करने की मांग करते हुए ऑनलाइन मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया. हालांकि वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने पुरानी पेंशन को लागू करने से साफ इंकार कर दिया था. आइए जानते हैं पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना में क्या अंतर है?
सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा
इस सबके बीच बड़ा सवाल यही है कि क्या पुरानी पेंशन योजना को लागू करना भविष्य के लिए सही साबित होगा. जानकारों का तो यहां तक कहना है कि कर्ज में डूबे राज्य यदि पुरानी पेंशन योजना को लागू करते हैं तो इससे उनके लिए आने वाले समय में मुसीबत पैदा हो सकती है. इससे आगे आने वाली सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा. नीति आयोग के उपाध्यक्ष बेरी ने पिछले दिनों साफ कहा था कि राज्य सरकारों की तरफ से उठाए गए इस कदम से भविष्य के टैक्सपेयर्स पर बोझ पड़ेगा.
पुरानी पेंशन योजना क्या है?
इस योजना में सेवानिवृत्ति के वक्त कर्मचारी को वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है. पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) का प्रावधान दिया गया है. इस योजना में कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलने की सुविधा है. हर छह महीने बाद इसमें डीए बढ़ाया जाता है. इस योजना के तहत पेंशन की राशि का भुगतान सरकार के खजाने यानी ट्रेजरी से होता है. सेवानिवृत कर्मचारी की मौत होने पर नियमानुसार पेंशन की राशि उसके परिजनों को मिलती है. इस योजना में कर्मचारी के वेतन से किसी प्रकार की राशि नहीं काटी जाती.
नई पेंशन योजना क्या है?
नई पेंशन योजना बेसिक सैलरी और डीए का 10 प्रतिशत हिस्सा कटता है. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) पूरी तरह से शेयर बाजार की चाल पर आधारित है. इसमें 60 वर्ष के बाद पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 प्रतिशत निवेश करना होता है. यानी आपको 60 प्रतिशत पैसे में से पेंशन मिलती है. इस योजना में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की गारंटी नहीं है. न ही परिजनों के लिए कोई सुविधा है. इसमें डीए बढ़ने का भी कोई प्रावधान नहीं है.
आपको बता दें अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को खत्म किया गया था. साथ ही जनवरी, 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू करने का निर्णय लिया गया था. दरअसल, एनपीएस (NPS) अंशदान पर आधारित पेंशन योजना है और इसमें महंगाई भत्ते का कोई प्रावधान नहीं होता.
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